जस्टिस वर्मा के कथित कैश कांड में नया Twist, 4-5 बोरियों में अधजले नोट; वीडियो में दिखा 500 के बंडल

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आवास पर नकदी बरामदगी से जुड़े मामले की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी. इस रिपोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय का पत्र और जस्टिस वर्मा का जवाब शामिल है.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 23 March 2025 1:06 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आवास पर नकदी बरामदगी से जुड़े मामले की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी. इस रिपोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय का पत्र और जस्टिस वर्मा का जवाब शामिल है. इसके साथ ही जले हुए नोटों के ढेर की तस्वीरें भी जारी की गई हैं, जो दमकल विभाग द्वारा आग बुझाने के बाद सामने आई थीं.

दिल्ली पुलिस आयुक्त की रिपोर्ट और जांच की मांग

दिल्ली पुलिस आयुक्त द्वारा 16 मार्च 2025 को सौंपी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से मामले की विस्तृत जांच शुरू करने की अपील की. रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 मार्च की सुबह जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगने के बाद वहां से जले हुए मलबे और अन्य सामग्री को हटाया गया.

जस्टिस उपाध्याय ने अपनी रिपोर्ट में लिखा,

'मेरी प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि जिस कमरे में नकदी मिली, वहां केवल वही लोग जा सकते थे, जो बंगले में रहते थे, जैसे—नौकर, माली और CPWD के कर्मचारी (यदि कोई मौजूद था)। ऐसे में इस पूरे मामले की गहराई से जांच आवश्यक है.

जस्टिस वर्मा ने साजिश करार दिया

वहीं, जस्टिस यशवंत वर्मा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे एक 'साजिश' करार दिया. उन्होंने कहा कि जो वीडियो सामने आया, उसमें दिखाई गई चीजें वैसी नहीं थीं, जैसी उन्होंने घटनास्थल पर देखी थी.  मैं इस वीडियो की सामग्री देखकर पूरी तरह स्तब्ध हूं, क्योंकि इसमें जो दिखाया गया, वह वास्तविकता से मेल नहीं खाता. इससे स्पष्ट है कि मुझे फंसाने और मेरी छवि खराब करने की साजिश रची गई है," जस्टिस वर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजे अपने पत्र में लिखा.

सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने शनिवार को एक तीन सदस्यीय समिति गठित की. यह समिति जस्टिस वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की आंतरिक जांच करेगी. इस समिति में शामिल हैं:

जस्टिस शील नागू (मुख्य न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट)

जस्टिस जी.एस. संधावालिया (मुख्य न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट)

जस्टिस अनु शिवरामन (न्यायाधीश, कर्नाटक हाईकोर्ट)

होली की रात लगी थी आग, जांच में हुआ कैश का खुलासा

14 मार्च को होली की रात करीब 11:35 बजे जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास पर आग लग गई थी. दमकल विभाग ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया, लेकिन जब जांच शुरू हुई, तो वहां नकदी के बंडल मिले, जिनमें कई नोट जले हुए थे.

इस बीच, शुक्रवार को जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया गया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उनका तबादला इस नकदी बरामदगी से जुड़े मामले से संबंधित नहीं है। अब सभी की नजरें इस हाई-प्रोफाइल जांच के नतीजों पर टिकी हैं.

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