पुरानी दोस्ती में दिखा नया जोश! पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से भारत ने क्या खोया क्या पाया?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. बातचीत के दौरान दोनों के बीच पुराने दोस्तों जैसी केमिस्ट्री देखने को मिली.;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. बातचीत के दौरान दोनों के बीच पुराने दोस्तों जैसी केमिस्ट्री देखने को मिली. इसी दौरान ट्रंप ने कई बड़े एलान भी किए. पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान कई दमदार तस्वीरें भी देखने को मिलीं.
यह मुलाकात ट्रंप और पीएम मोदी के पांच साल बाद हुई है जिसके बाद ट्रंप ने कहा कि हमने आपको बहुत याद किया.व्हाइट हाउस में उनका स्वागत किया गया, तो पीएम मोदी ने ट्रंप को गले लगाया और कहा, 'आपसे फिर से मिलकर बहुत अच्छा लगा. आइए जानते हैं इस मुलाकात से भारत को क्या-क्या हासिल हुआ.
1. व्यापार और निवेश में बढ़ोतरी
रेसिप्रोकल टैरिफ पर समझौता- ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के बावजूद, दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने पर सहमति बनी. निवेश बढ़ाने की प्रतिबद्धता- अमेरिकी कंपनियों ने भारत में निवेश बढ़ाने का आश्वासन दिया, जिससे मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया को बढ़ावा मिलेगा. 2030 तक व्यापार दोगुना करने का लक्ष्य- मोदी ने घोषणा की कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है.
2. ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण समझौते
तेल और गैस के क्षेत्र में सहयोग- भारत और अमेरिका के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में अहम समझौते हुए, जिससे अमेरिका भारत का प्रमुख तेल और गैस आपूर्तिकर्ता बनेगा. ऊर्जा सुरक्षा- यह समझौता भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा और तेल आयात के स्रोतों में विविधता लाएगा.
3. रक्षा सहयोग में मजबूती
रक्षा उपकरणों की खरीद- भारत ने अमेरिका से अत्याधुनिक रक्षा उपकरण खरीदने के समझौते किए, जिनमें फाइटर जेट्स और ड्रोन शामिल हैं. साझा सैन्य अभ्यास- दोनों देशों ने रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए साझा सैन्य अभ्यास करने पर सहमति जताई.
4. आतंकवाद पर सख्त रुख और सुरक्षा सहयोग
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर सहमति- ट्रंप ने 2008 के मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत को प्रत्यर्पित करने की घोषणा की, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की कूटनीतिक जीत मानी जा रही है. आतंकवाद के खिलाफ सहयोग- दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने और खुफिया जानकारी साझा करने पर सहमति जताई.
5. कूटनीतिक और रणनीतिक संबंधों में मजबूती
इंडो-पैसिफिक रणनीति- दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया. चीन पर संयुक्त रुख: चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का संकल्प लिया.
क्या खोया?
1. रेसिप्रोकल टैरिफ से व्यापारिक तनाव
भारतीय निर्यात पर असर- ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने की घोषणा से भारतीय निर्यातकों के लिए अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा कठिन हो सकती है. टेक्सटाइल, आईटी और ऑटोमोबाइल सेक्टर प्रभावित. विशेष रूप से टेक्सटाइल, आईटी सेवाओं और ऑटोमोबाइल पार्ट्स जैसे क्षेत्रों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
2. एच-1बी वीजा पर कोई स्पष्टता नहीं
भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को झटका: एच-1बी वीजा पर कोई स्पष्ट समझौता नहीं हुआ, जो भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स के लिए एक झटका है. वीजा नीति में कड़ाई की संभावना- ट्रंप प्रशासन की कड़ी वीजा नीति के कारण भारतीय पेशेवरों को अमेरिका में रोजगार पाना मुश्किल हो सकता है.
3. जलवायु परिवर्तन पर मतभेद
पेरिस समझौते पर असहमति: अमेरिका के पेरिस जलवायु समझौते से बाहर रहने के फैसले पर दोनों देशों के बीच मतभेद बने रहे. कार्बन उत्सर्जन में कमी पर सहमति नहीं- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्बन उत्सर्जन में कटौती पर कोई ठोस समझौता नहीं हो सका.
4. कृषि क्षेत्र में कोई बड़ी उपलब्धि नहीं
कृषि उत्पादों पर टैरिफ विवाद- कृषि उत्पादों पर टैरिफ को लेकर कोई ठोस समझौता नहीं हुआ, जिससे भारतीय किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद धूमिल हुई.