मुंबई के 200 साल से भी ज्यादा पुराने मंदिर को हुई 133 करोड़ की कमाई, जानें पैसों को कहां खर्च करता है ट्रस्ट

मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर को गणपति भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है. यह मंदिर हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है और 2023-24 में 133 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड कमाई हुई. मंदिर की भव्यता, चमत्कारी मान्यताएं और समाज सेवा के कार्य इसे खास बनाते हैं. गणेश चतुर्थी और मंगलवार को यहां भारी भीड़ उमड़ती है.;

( Image Source:  SVTMumbai )
Curated By :  नवनीत कुमार
Updated On :

सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है. यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. बॉलीवुड सितारों, बिजनेसमैन और आम लोग सभी यहां अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करने आते हैं. गणेश चतुर्थी और मंगलवार के दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.

सिद्धिविनायक मंदिर की आय हर साल बढ़ती जा रही है. फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में इस मंदिर ने 133 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड कमाई की, जो अब तक की सबसे ज्यादा है. यह आय दान पेटियों, ऑनलाइन डोनेशन, सोना-चांदी के दान, पूजा बुकिंग और प्रसाद की बिक्री से हुई. अनुमान है कि अगले साल यह आय बढ़कर 154 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है.

कहां से आता है इतना पैसा?

मंदिर की आय का बड़ा हिस्सा भक्तों द्वारा नकद दान, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और सोने-चांदी के चढ़ावे से आता है. 2023-24 में, मंदिर को दान पेटी से 98 करोड़ रुपये मिले, जबकि सोना-चांदी से 7 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. इसके अलावा, पूजा बुकिंग और प्रसाद से 10 करोड़ रुपये की कमाई हुई. ऑनलाइन डोनेशन विकल्पों के कारण दान में और भी वृद्धि देखी गई है.

भारत के अन्य अमीर मंदिरों में स्थान

हालांकि सिद्धिविनायक मंदिर की आय बहुत अधिक है, लेकिन यह भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक नहीं है. आंध्र प्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर सालाना 1500-1650 करोड़ रुपये की कमाई करता है, जबकि केरल का पद्मनाभस्वामी मंदिर लगभग 750-800 करोड़ रुपये की आय अर्जित करता है. फिर भी, सिद्धिविनायक मंदिर महाराष्ट्र के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है.

मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

सिद्धिविनायक मंदिर की स्थापना 1801 में विट्ठु और देउबाई पाटिल ने की थी. मंदिर की खास बात यह है कि गणपति की यह मूर्ति चतुर्भुजी है और इसमें उनकी पत्नियां रिद्धि और सिद्धि भी मौजूद हैं, जो धन, ऐश्वर्य और सफलता का प्रतीक मानी जाती हैं. मंदिर का गर्भगृह अत्यंत सुंदर है और इसकी छतें सोने की परत से सजी हुई है.

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी खास है. गणेश चतुर्थी, अंगारकी चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी जैसे विशेष अवसरों पर यहां हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं. हर मंगलवार को यहां इतनी भीड़ होती है कि श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए 4-5 घंटे तक लाइन में लगना पड़ता है. मान्यता है कि ऐसे गणपति जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. यह मंदिर सिर्फ हिंदू श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है. यही वजह है कि यहां बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं.

मंदिर ट्रस्ट करती है सामाजिक कार्य

सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट अपनी आय का उपयोग विभिन्न सामाजिक कार्यों में भी करता है. यह ट्रस्ट मंदिर की सुरक्षा, रखरखाव और विस्तार के अलावा, शिक्षा, चिकित्सा सुविधाएं, गरीबों की मदद और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं पर खर्च करता है. मंदिर ट्रस्ट के पास करीब 125 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में जमा हैं, जिससे समाज सेवा के लिए फंड उपलब्ध कराया जाता है.

Similar News