दिल्ली से मानसून ने ली विदाई, कोलकाता में ढाई घंटे की बारिश में सड़कें बनी दरिया; जानें अन्य राज्यों का हाल

फिलहाल तटीय राज्यों में भारी बारिश की चुनौती बनी हुई है, महाराष्ट्र में फसलों को नुकसान पहुंचा है और दिल्ली इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश के साथ मानसून को विदा कर चुका है. अब निगाहें बंगाल की खाड़ी में बनने वाले नए सिस्टम पर हैं, जो आने वाले हफ्ते के मौसम को तय करेगा.;

Edited By :  रूपाली राय
Updated On :

समंदर में उठ रही तेज़ हलचल का असर अब तटीय राज्यों और उनके पड़ोसी इलाकों तक साफ दिखाई देने लगा है. खासकर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में मौसम ने अचानक करवट ले ली है. कोलकाता में तो हालात और भी चौंकाने वाले रहे. यहां महज़ ढाई घंटे के भीतर 185 मिमी बारिश हो गई. इतनी तेज़ बारिश से शहर की सड़कें दरिया में बदल गईं और जगह-जगह पानी भर गया. हालांकि अब वहां बारिश की रफ्तार कम हो गई है और फिलहाल मध्यम दर्जे की या छिटपुट बारिश ही हो रही है. इधर महाराष्ट्र में भी बारिश ने अपना कहर दिखाया. कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई है. लातूर और आसपास के इलाकों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. किसानों को इससे बड़ा झटका लगा है. 

इस बीच, देश की राजधानी दिल्ली से दक्षिण-पश्चिम मानसून ने विदाई ले ली है. आमतौर पर दिल्ली से मानसून की वापसी 25 सितंबर को होती है, लेकिन इस साल यह थोड़ा जल्दी, 24 सितंबर 2025 को ही लौट गया. दिलचस्प बात यह है कि पिछले लगभग दस सालों में ऐसा कम ही हुआ कि मानसून सामान्य तारीख पर या उससे पहले लौटे. ज्यादातर सालों में वह देर तक टिका रहा. उदाहरण के लिए, पिछले साल 2024 में मानसून ने दिल्ली से विदाई 2 अक्टूबर को ली थी और 2013 में तो यह 17 अक्टूबर तक रुका रहा था. वहीं 2012 में मानसून ठीक इसी साल की तरह 24 सितंबर को ही विदा हो गया था. 

राजधानी दिल्ली में  इस साल कुल 902.6 मिमी बारिश

इस बार दिल्ली में बारिश का रिकॉर्ड भी काबिलेगौर रहा. राजधानी में इस साल कुल 902.6 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य मौसमी औसत 640.4 मिमी है. यानी इस बार लगभग 41% ज्यादा बारिश हुई. सफदरजंग मौसम स्टेशन ने तो हर मानसून महीने में औसत से ज्यादा बारिश दर्ज की। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक दुर्लभ स्थिति है. पिछले साल 2024 में यहां 1029.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. साल 2010 के बाद अब तक चार बार दिल्ली में बारिश का आंकड़ा 1000 मिमी से ऊपर गया है. इनमें साल 2021 सबसे खास रहा, जब कुल 1176.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई थी. वहीं, सबसे कम बारिश साल 2014 में हुई थी, जब सिर्फ 307.8 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. 

इन राज्यों में बारिश की संभावना

आने वाले दिनों का हाल देखें तो, अगले 24 घंटे के दौरान कई राज्यों में अलग-अलग स्तर की बारिश देखने को मिलेगी. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में हल्की से मध्यम बारिश होगी और कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है. छत्तीसगढ़, तेलंगाना, दक्षिण गुजरात, विदर्भ, मराठवाड़ा, कोंकण-गोवा, उत्तर-मध्य महाराष्ट्र, झारखंड, दक्षिण-मध्य प्रदेश, तटीय कर्नाटक और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत, सिक्किम, बिहार, उत्तर प्रदेश के तराई इलाके और उत्तराखंड में भी हल्की बारिश हो सकती है. 

26 सितंबर से बंगाल की खाड़ी में अवदाब

मौसम विभाग ने यह भी संकेत दिए हैं कि 26 सितंबर 2025 को बंगाल की खाड़ी में एक अवदाब (डिप्रेशन) बनने की संभावना है. वैज्ञानिकों के अनुसार यह सिस्टम मध्य भारत के हिस्सों से गुजरते हुए आगे बढ़ेगा. हालांकि यह सीधे उत्तर भारत के मैदानों तक नहीं पहुंचेगा, लेकिन जब यह मध्य प्रदेश और आसपास के इलाकों में सक्रिय होगा, तब इसके किनारे के बादल दिल्ली तक पहुंच सकते हैं. इसका असर यह होगा कि 29 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच दिल्ली और आसपास के इलाकों में हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है. 

Similar News