Menstrual Hygiene Policy को मिली स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी, फ्री सेनेटरी पैड्स की उठी थी मांग

Menstrual hygiene policy को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि इसके लिए एक ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया गया है. दरअसल अदालत सर्वोच्च अदालत कांग्रेस नेता व सामाजिक कार्यकर्ता जया ठाकुर की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. याचिका में मांग की गई थी कि केंद्र और राज्य के स्कूल 6th क्लास से 12वीं तक की छात्राओं के लिए निशुल्क सेनेटरी पैड्स उपलब्ध कराएं और अलग शौचालय भी बनें.;

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Edited By :  सार्थक अरोड़ा
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केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि स्कूल जाने वाली छात्राओं के लिए पीरियड्स स्वच्छता पॉलिसी की रूपरेखा को तैयार किया है. इस पॉलिसी को स्वसाथ्य मंत्रालय की ओर मंजूरी मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ने 10 अप्रैल साल 2023 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने छात्राओं की पीरियड्स के दौरान स्वच्छता पर नीति बनाई. इस नीति को 2 नवंबर 2024 को मंजूरी मिल गई है.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हो रही थी. जिसमें यह मांग की गई कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 6 से 12 तक की छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड दिए जाएं. वहीं इस मामले पर मंगलवार को भी सुनवाई होने वाली हैं.

याचिका में की गई यह मांगे

इस याचिका में मुफ्त सैनिटरी पैड के साथ-साथ सभी स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग शौचालय का प्रावधान सुनिश्चित करने का आदेश देने की मांग की गई है. वहीं इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि इस नीति के मसकद के बारे में भी बताया है. इस नीति का उद्देश्य स्कूल में पीरियड्स के दौरान स्वच्छता के प्रति जाग्रुक करना है. ताकी छात्राओं के बीच इसकी जानकारी,नजरिए और उनके व्यवहार में बदलाव लाया जा सके.

अब तक इन राज्यों में मिल रही सुविधा

वहीं केंद्र सरकार ने अदालत में यह पहली भी जानकारी दे चुकी है. अब तक दिल्ली, गोवा और पांडिचेरी जैसी जगहों पर इस सुविधा को पूरा करते हुए लक्ष्यों को पूरा कर लिया गया है. लेकिन पूर्वोत्तर राज्य अभी भी 98 प्रतिशत पीछे हैं. वहीं जम्मू-कश्मीर में भी 89.2 प्रतिशत छात्राओं को ही यह सुविधा मिल रही है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल राज्य में 99.9 प्रतिशत, यूपी में 98.9 प्रतिशत, सिक्किम, गुजरात और पंजाब में 99.5 फीसदी स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग शौचालय की सुविधा दी गई है.

वहीं इस दौरान केंद्र सरकार ने यह भी बताया कि अब तक 10 लाख से अधिक स्कूलों में शौचाल्यों की सुविधा दी जा चुकी है. इनमें लड़कों के लिए 16 लाख और लड़कियों के लिए 17.5 लाख शोचाल्यों का निर्माण कर दिया गया है. इसके अलावा, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में भी छात्रों के लिए 2.5 लाख और छात्राओं के लिए 2.9 लाख शौचालयों का निर्माण कराया गया है.

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