ये लड़ाई आदमी, औरत की नहीं बल्कि समाज और पितृसत्ता के बीच की- मैरिटल रेप पर SC में किसने क्या कहा?

Marital Rape Case: मैरिटल रेप का मामले में सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है. हालांकि, अब तक इसके निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा गया है. इस दौरान एडवोकेट करुणा नंदी ने कहा कि पत्नी के साथ जबरन संबंध बनाने में पति को सिर्फ इसलिए छूट मिल रही, क्योंकि पीड़ित पत्नी है.;

Marital Rape Case
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 18 Oct 2024 4:49 PM IST

Marital Rape Case: सुप्रीम कोर्ट में मैरिटल रेप को लेकर बहस जारी है, जिस पर अब मंगलवार 22 अक्टूबर 2024 को सुनवाई होनी है. लेकिन अब हुई सुनवाई में जो दलीलें दी गई है. उस पर पूरे देश में चर्चा हो रही है.

मैरिटल रेप के सुनवाई के दौरान हुई बहस पर एक नजर-

  1. कोर्ट ने सुनवाई के जस्टिस जेबी पर्दीवाला ने पूछा, 'पति यौन संबंध बनाने की मांग करता है. पत्नी इसका विरोध करती है. उसे गलत तरीके से बंधक बनाया जाता है. उसे धमकाया जाता है और आपराधिक रूप से डराया जाता है. पत्नी अंत में दबाव के आगे झुक जाती है तो पति का ये शुरुआती व्यवहार कानून के तहत अपराध हैं, लेकिन अकेले जबरन यौन संबंध बनाना अपराध नहीं है?'
  2. सुनवाई के पहले दिन वरिष्ठ अधिवक्ता करुणा नंदी और कॉलिन गोंसाल्वेस ने बहस की और अपना पक्ष रखा. इस दौरान दोनों वकीलों ने मैरिटल रेप को भी कानूनी तौर पर बलात्कार मानने की बात कही.
  3. सुनवाई के दौरान कहा कहा गया कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत अगर कोई पुरुष किसी महिला की सहमति के बग़ैर उसके साथ संबंध बनाता है तो ये बलात्कार की कैटेगरी में आता है.
  4. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील करुणा नंदी ने कहा कि ये लड़ाई एक आदमी और औरत के बीच की नहीं है बल्कि समाज और पितृसत्ता के बीच की है. इसलिए उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
  5. पहली सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने पूछा था कि 'अगर सुप्रीम कोर्ट मैरिटल रेप के अपवाद को अवैध घोषित कर उसे रेप का दर्जा देगा तो इस अपराध से जुड़ा क्या कोई नया कानून बनेगा?'
  6. चीफ जस्टिस के इस सवाल पर वरिष्ठ वकील करुणा नंदी ने कहा, 'रेप अभी भी एक क्राइम है. अगर कोर्ट इस अपवाद को असंवैधानिक घोषित करे तो इससे कोई नया क्राइम नहीं बनेगा. अगर मेरे पति, कोई और या अलग हुए पति ने मेरे साथ रेप किया है तो नुकसान की सीमा अलग नहीं है.'
  7. नंदी ने कहा कि मान लीजिए मैं लिव इन रिलेशनशिप में रह रही हूं और मेरे बिना सहमति के यौन संबंध बनाया जाता है, तो ये भी रेप है और अगर मैं मैरिड हूं और अगर मेरे साथ वह जबरदस्ती यौन संबंध बनाता है तो क्या यह बलात्कार नहीं है?'
  8. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि सरकार का कहना है कि अगर मैरिटल रेप को रेप माना जाये तो इससे वैवाहिक संबंध में तनाव उत्पन्न हो सकता है. इसे लेकर करुणा नंदी ने कहा कि इस तर्क के साथ औरतों के मौलिक अधिकारों को नहीं छिना जा सकता है.
  9. करुणा नंदी ने 'हेल्स सिद्धांत' का भी उदाहरण दिया, जिसके पत्नी का अपने खुद के शरीर पर अपना अधिकार नहीं रहता है. इस सिद्धांत को ब्रिटेन की कोर्ट ने भी नकार दिया है. जिसमें चीफ जस्टिस मैथ्यू हेल का कहना था कि अपनी पत्नी का रेप करने के मामले में पति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है.
  10. हालांकि, कोर्ट करुणा नंदी की इस दृष्टिकोण से सहमत नहीं हुई और चीफ जस्टिस ने कहा कि वे इस फैक्ट को स्वीकार करते हैं कि सहमति आवश्यक है. इसलिए अब उन्होंने हेल के सिद्धांत को स्वीकार कर लिया है. लेकिन ऐसा करने के बाद अन्य प्रावधान भी हैं, जैसे- घरेलू हिंसा अधिनियम, तलाक के लिए आधार के रूप में क्रूरता आदि.

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