Shinde VS Pawar: आखिर चाहते क्या हैं शिंदे, अजित पवार से पावर डिस्ट्रीब्यूशन पर तकरार?
Maharashtra New CM: महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बुधवार को खत्म होने वाला है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) एनडीए की एक महत्वपूर्ण बैठक में अपने विधायक दल के नेता का चुनाव करेगी. बीजेपी ने महाराष्ट्र विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.;
Eknath Shinde VS Ajit Pawar: महाराष्ट्र में सियासत की लड़ाई में महायुति ने जीत तो हासिल कर ली, लेकिन अपने ही घर का झगड़ा नहीं सुलझा पा रही है. महायुति में शेयरिंग को लेकर खींचतान मची हुई है. अब तक सीएम का फेस क्लियर नहीं हो पाया है. हालांकि, राज्य में 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह होना है. इस बीच एकनाथ शिंदे ने खराब स्वास्थ्य के कारण सभी बैठकें रद्द कर दी हैं. हालांकि, आज देवेन्द्र फडणवीस सीएम आवास पर शिंदे से मुलाकात की.
आइए यहां हम समझते हैं कि क्या ये लड़ाई सिर्फ बीजेपी और सीएम की है, या फिर एक दूसरे सहयोगी अजित पवार के साथ पावर डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर भी है. 30 जून 2022 को शिवसेना तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने वाले एकनाथ शिंदे को सीएम का ताज मिला.
शिंदे नहीं चाहते अजित से कम पावर
शिंदे ही वो शख्स थे, जिन्होंने बीजेपी की सत्ता में वापसी कराई थी, तो बीजेपी ने भी उस वक्त उन्हें सिर आंखों पर बिठा रखा था. फिर एंट्री हुई दूसरे सहयोगी की और वो थे अजित पवार. 2 जुलाई 2023 को वो दिन था, जब NCP नेता अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत कर दी थी और बीजेपी का हाथ थाम, महायुति का हिस्सा बन गए थे.
जीत के बाद भी तकरार
अब साल 2024 है और महायुति के तीनों वीरों ने मिलकर महाराष्ट्र फतह कर ली, लेकिन मामला फंस गया पावर डिस्ट्रीब्यूशन पर. अगर बात महाराष्ट्र चुनाव में स्ट्राइक रेट की की जाए तो बीजेपी 149 सीटों पर लड़कर 88% स्ट्राइक रेट के साथ 132 सीटें जीती. शिवसेना शिंदे ने 81 सीटों पर लड़कर 70% स्ट्राइक रेट के साथ 57 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं, NCP अजित पवार ने 59 सीटों पर लड़कर 69% स्ट्राइक रेट के साथ 41 सीटों पर जीत दर्ज की.
पावर डिस्ट्रीब्यूशन में फंस रहा है पेंच
ऐसे में शिंदे किसी भी हाल में अपनी पार्टी को पावर डिस्ट्रीब्यूशन में निचे नहीं आने देना चाहते हैं. वो सिर्फ सत्ता में शामिल नहीं होना चाहते, बल्कि सत्ता में ताकत भी चाहते हैं, जो कि अजित पवार से अधिक हो. इसलिए सीएम पद नहीं मिलने पर उन्होंने गृह मंत्रालय की मांग कर दी. इसके अलावा उन्होंने महायुति में संयोजक यानी चीफ का पद चाहते हैं. हालांकि, खबर ये भी आई कि उन्होंने इस पद को भी ठुकरा दिया है.
कैसा होगा पावर शेयरिंग का फॉर्मूला
मीडिया रिपोर्ट में आ रही खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र में पावर शेयरिंग के लिए 6-1 का फॉर्मूला तय हुआ है. इसका मतलब ये है कि 6 विधायक पर एक मंत्रिपद मिलेगा. इस फॉर्मूले के तहत BJP अपने पास 20 से 22 मंत्री पद रखेगी. एकनाथ शिंदे गुट के पास 12 मंत्रालय होंगे. जबकि अजित पवार गुट को 9 से 10 मंत्री पद दिए जा सकते हैं. हालांकि, अब भी पावर डिस्ट्रीब्यूशन का मसला साफ नहीं हुआ है, क्योंकि किसे-कौन सी जिम्मेदारी मिलेगी. यही तय करेगा कि महायुति में शिंदे और अजीत में किसका पलड़ा भारी होगा.