Maharashtra CM: एकनाथ शिंदे का क्या होगा? 15 पूर्व मुख्यमंत्री जो बाद में बने उपमुख्यमंत्री या मंत्री
Maharashtra CM: देवेंद्र फडणवीस ने 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया. वह 2014 से 2019 तक पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे.;
Maharashtra CM: महाराष्ट्र में भारतीय राजनीति का अनोखा संयोग फिर से देखने को मिल सकता है, जिसमें एक मुख्यमंत्री शीर्ष पद छोड़ने और सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद या कैबिनेट पद स्वीकार करने के लिए सहमत हो जाता है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को इस्तीफा देकर नए मुख्यमंत्री का रास्ता साफ कर दिया, लेकिन आज के हालात को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता देवेंद्र फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे.
सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की है, जिसमें 288 में से 235 सीटें हासिल की. भाजपा अपने दम पर 132 सीटों के साथ आगे बढ़ी, उसके बाद शिवसेना शिंदे गुट ने 57 और अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 41 सीटें हासिल की.
यहां कुछ राजनेताओं की लिस्ट है जो मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद उपमुख्यमंत्री या मंत्री बने-
- देवेंद्र फडणवीस: जून 2022 में फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद छोड़ उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जिसमें सीएम पद सहयोगी एकनाथ शिंदे को मिला था.
- बाबूलाल गौर: भाजपा नेता गौर अगस्त 2004 से नवंबर 2005 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. बाद में उन्हें 2008 में शिवराज सिंह चौहान सरकार के तहत मंत्री पद दिया गया.
- नारायण राणे: महाराष्ट्र के 13वें मुख्यमंत्री राणे ने 1999 में शीर्ष पद छोड़ने के बाद मंत्री पद स्वीकार किया.
- अशोक चव्हाण: 2008-2009 और फिर 2009 से 2010 तक महाराष्ट्र के 16वें मुख्यमंत्री रहे चव्हाण ने 2019 में उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री पद स्वीकार किया.
- शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर: महाराष्ट्र के 10वें मुख्यमंत्री (जून 1985-मार्च 1986), निलंगेकर ने 2003 में सुशील कुमार शिंदे सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य किया.
- टीआर जेलियांग: नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) के नेता टीआर जेलियांग 2014 से 2017 तक और फिर 2017 से 2018 तक नागालैंड के 10वें मुख्यमंत्री रहे हैं. वर्तमान में वह नेफ्यू रियो सरकार के तहत उपमुख्यमंत्री हैं.
- ओ पन्नीरसेल्वम: दिवंगत जे जयललिता के करीबी सहयोगी पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) तीन बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वे पहली बार 2001-02 में सीएम बने और फिर 2014-15 में जयललिता के भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में जेल जाने के बाद सीएम के तौर पर काम किया. जयललिता की मृत्यु के बाद 2016 से 2017 तक थोड़े समय के लिए तीसरी और आखिरी बार सीएम बने. बाद में उन्होंने एडप्पादी पलानीस्वामी मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया.
- सुरेश मेहता: भाजपा नेता मेहता अक्टूबर 1995 से सितंबर 1996 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं. बाद में उन्होंने 1998 में केशुभाई पटेल के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में कार्य किया.
- डॉ. विल्फ्रेड डी सूजा: वे 1980 से 1983 तक गोवा के पहले उपमुख्यमंत्री रहे और 1993 में मुख्यमंत्री बने. बाद में उन्होंने 1994 और 2005 में दो बार उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार किया.
- रवि सीताराम नाइक: नाइक 1991 और 1994 में दो बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे. वे 2000 गोवा के उपमुख्यमंत्री बने और हाल ही में 2022 में डॉ. प्रमोद सावंत की सरकार में कृषि, हस्तशिल्प और नागरिक आपूर्ति के कैबिनेट मंत्री बने.
- चर्चिल अलेमाओ: वे 27 मार्च 1990 से 14 अप्रैल 1990 तक सिर्फ 18 दिनों के लिए गोवा के दूसरे मुख्यमंत्री थे. वे 1999 में और फिर 2007 से 2012 तक कैबिनेट मंत्री बने.
- राजिंदर कौर भट्टल: कांग्रेस नेता भट्टल 1996 से 1997 तक पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं. वह 2004 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में एक समझौता के तहत पंजाब की उपमुख्यमंत्री बनीं और 2007 तक रहीं.।
- टीका राम पालीवाल: वे 1952 में कुछ समय के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री जय नारायण व्यास चुनाव हार गए. वे 1952 से 1954 तक व्यास के कार्यकाल में फिर से उपमुख्यमंत्री बने.
- हेमानंद बिस्वाल: वे 1989 और 1999 में दो बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे. वे 1998 से 1999 तक जानकी बल्लभ पटनायक के नेतृत्व में ओडिशा के उपमुख्यमंत्री बने.
- वी.आर. नेदुनचेझियान: वे 1969, 1984 और 1987 में तीन बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने सी.एन. अन्नादुरई, एम. करुणानिधि, एम.जी. रामचंद्रन और जे. जयललिता की सरकारों में कैबिनेट मंत्री के तौर पर काम किया.