6 महीने में ही अर्श से फर्श पर पहुंच गए शरद पवार, आखिरी बाजी में भतीजे से कैसे खा गए मात?
शरद पवार ने राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने पर चुनाव न लड़ने का एलान किया था. इस वजह से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव उनका आखिरी चुनाव था, लेकिन इस आखिरी बाजी में वे भतीजे अजित पवार से मात खा गए. वो भी तब, जब 6 महीने पहले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया था.;
Sharad Pawar : शरद पवार महाराष्ट्र ही नहीं, भारत की राजनीति के चर्चित चेहरा हैं. उनकी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने लोकसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में उसे तगड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग के मुताबिक, एनसीपी (एससीपी) 11 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि शिवसेना (यूबीटी) 21 सीटों पर आगे चल रही है.
शरद पवार ने संकेत दिया था कि वे राज्यसभा कार्यकाल पूरा होने के बाद राजनीति से संन्यास ले लेंगे. यह उनका आखिरी विधानसभा चुनाव है. इसमें एनसीपी (एससीपी) का खराब प्रदर्शन से वे काफी निराश होंगे. अजित पवार के गुट वाली एनसीपी 41 सीटों पर आगे है.
सबसे कम सीटों पर मिली जीत
बात अगर 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की करें तो एनसीपी ने 54 सीटें जीती थी, जो कांग्रेस के 44 सीटों से ज्यादा थी. उस समय एनसीपी में बंटवारा नहीं हुआ था. एनसीपी (एससीपी) प्रमुख राजनीतिक दलों में सबसे कम विधानसभा सीटें जीतने वाली पार्टी है.
इससे पहले, लोकसभा चुनाव 2024 में शरद पवार की पार्टी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि अजित पवार की एनसीपी महज 1 सीट ही जीत सकी. ऐसे में उम्मीद थी कि शरद पवार विधानसभा चुनाव में भी कोई बड़ा करिश्मा कर दिखाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. 14 चुनाव जीतने वाले पवार को इस चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा.
सबसे कम उम्र में बने महाराष्ट्र के सीएम
शरद पवार लगभग छह दशकों से राजनीति में हैं. वे चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे. उनके नाम पर सबसे कम उम्र में सीएम बनने का रिकॉर्ड है. वे पहली बार 1978 में 38 साल की उम्र में सीएम बने थे. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र में रक्षा और कृषि जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभाली. वे पीएम की रेस में 1991 में पीवी नरसिम्हा राव से हार गए.
1999 में किया एनसीपी का गठन
1999 में जब शरद पवार को कांग्रेस ने पार्टी से निकाल दिया था तो उन्होंने एक नई पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया. पवार ने 2019 में महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना को लेकर एक नया गठबंधन महाविकास आघाड़ी बनाया.
अजित पवार ने कर दी बगावत
शरद पवार का पूरा नाम शरदचंद्र गोविंदराव पवार है. उन्होंने 10 जून 2023 को अपनी बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया, जिससे अजित पवार नाराज हो गए. उन्होंने इसके दो महीने बाद 2 जुलाई 2023 को 8 विधायकों के साथ NCP से बगावत कर दी और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन गए. इसके बाद उन्होंने पार्टी पर भी दावा कर दिया.
भतीजे ने छीन लिया पार्टी का नाम और निशान
अजित पवार ने 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया. चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को कहा कि अजित गुट ही असली एनसीपी है. उसके बाद पार्टी का नाम और चुनाव निशान 'घड़ी' अजित पवार को दे दिया गया. अजित शरद पवार के भतीजे हैं. शरद पवार 14 बार बारामती से विधायक और सांसद रहे. उन्होंने बारामती में कहा था कि राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वे कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्हें कहीं न कहीं तो रुकना ही पड़ेगा.