जानें सद्गुरु ने क्यों कहा मंदिरों को भक्तों द्वारा चलाया जाना चाहिए?
जग्गी वासुदेव, जिन्हें सद्गुरू के नाम से जाना जाता है.वह एक प्रसिद्ध भारतीय योगी, गुरु और लेखक हैं, उन्होंने "इशा फाउंडेशन" की स्थापना की, जो योग, ध्यान और मानवता की सेवा में समर्पित एक गैर-लाभकारी संगठन है. तिरुपति प्रसाद मामले पर सद्गुरू ने अपनी राय रखी है.;
आध्यात्मिक गुरू सद्गुरु ने तिरुपति मंदिर में प्रसाद में कथित तौर पर गोमांस की चर्बी के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की है और इस घटना को "घृणित से भी अधिक" बताया है. ईशा फाउंडेशन के संस्थापक ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदू मंदिरों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए उनका प्रबंधन सरकारी प्रशासन के बजाय धर्मनिष्ठ हिंदुओं द्वारा किया जाना चाहिए.
इस विवाद पर कहते हुए, सद्गुरु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "मंदिर के प्रसाद में भक्तों द्वारा गोमांस की चर्बी खाना घृणित से भी अधिक है. इसलिए मंदिरों को भक्तों द्वारा चलाया जाना चाहिए, न कि सरकारी प्रशासन द्वारा. जहां भक्ति नहीं है, वहां पवित्रता नहीं होगी. अब समय आ गया है कि हिंदू मंदिरों को सरकारी प्रशासन द्वारा नहीं, बल्कि धर्मनिष्ठ हिंदुओं द्वारा चलाया जाए."
लड्डू में की गई मिलावट
यह ट्वीट उन रिपोर्टों के जवाब में आया है, जिनमें कहा गया था कि प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में लड्डू प्रसाद में कथित तौर पर गोमांस की चर्बी थी, जिससे भक्तों में गुस्सा फैल गया. इस घटना ने सरकार द्वारा नियुक्त निकायों द्वारा धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन पर लंबे समय से चली आ रही बहस को फिर से हवा दे दी है. सार्वजनिक गुस्से के बीच सुधारों की मांग बढ़ रही है, जो हिंदू मंदिरों की पवित्रता और अखंडता की रक्षा के उद्देश्य से मंदिर प्रबंधन को फिर से धर्मनिष्ठ लोगों के हाथों में सौंप देगा.
जानें क्या है विवाद ?
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब टीडीपी ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया कि जरात स्थित राष्ट्रीय डेयरी बोर्ड ने तिरुपति के लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए गए घी की जांच की और पाया कि उसमें "फॉरन फैट" के ट्रेस हैं. टाइम्स नाउ द्वारा प्राप्त राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के पशुधन और खाद्य विश्लेषण और अध्ययन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, घी के सैंपल में "गोमांस की चर्बी, सूअर की चर्बी और मछली के तेल" की मौजूदगी का पता चला है.
लैब रिपोर्ट की पेश
तिरुपति प्रसाद में मिलावट को लेकर टीडीपी और वाईएसआरसीपी के बीच चल रहे मौखिक युद्ध के बीच, टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में लैब रिपोर्ट पेश की है. सैंपल रिसिप्ट 9 जुलाई 2024 को दर्ज की गई थी और रिपोर्ट 16 जुलाई की थी.
रिपोर्ट में इसकी कार्यप्रणाली का वर्णन करते हुए कहा गया है, "AB021253 के रूप में कोडित सैंपल के लिए सभी समीकरणों का S मान विधि द्वारा निर्धारित सीमा से बाहर हो रहा है. यदि कोई S-मान संबंधित सीमाओं से बाहर आता है, तो सैंपल में एक फॉरन फैट होने पर विचार करें."
प्रसाद में हो सकती है इन चीजों की मिलावट
रिपोर्ट में संभावित विदेशी वसाओं को सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, रेपसीड, अलसी, गेहूं के बीज, मक्का के बीज, कपास के बीज, मछली का तेल, नारियल और ताड़ की गिरी वसा, ताड़ का तेल, बीफ़ टैलो और लार्ड शामिल हैं.