INS Tushil की क्या हैं खूबियां, जो भारतीय नौसेना की बढ़ाएगी ताकत? मास्को पहुंचे राजनाथ सिंह
INS Tushil: भारतीय नौसेना का बहु-भूमिका वाला स्टील्थ गाइडेड मिसाइल युद्धपोत 'INS तुषिल' जल्द ही नौसेना में शामिल किया जाएगा. अब तक तलवार क्लास के 7 जंगी जहाज बन चुके हैं, जिनमें 6 एक्टिव हैं.;
INS Tushil: भारतीय नौसेना लगातार अपनी ताकत बढ़ाने का काम कर रही है. इसी कड़ी में INS Tushil नया स्टेल्थ युद्धपोत को भी नौसेना में शामिल किया जाना है. इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कमिशनिंग में हिस्सा लेने के लिए रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचे हैं. INS तुशील एक उन्नत क्रिवाक III सीरीज का फ्रिगेट है.
सीरीज का 7वां जहाज INS तुशील दो उन्नत अतिरिक्त अनुवर्ती जहाजों में से पहला है , जिसके लिए अनुबंध पर अक्टूबर 2016 में JSC Rosoboronexport, भारतीय नौसेना और भारत सरकार के बीच हस्ताक्षर किए गए थे. जहाज के निर्माण की निगरानी मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में तैनात युद्धपोत निगरानी दल के एक्सपर्ट्स की एक भारतीय टीम ने की थी.
INS Tushil की खासियत
जहाज का नाम तुशील है, जिसका अर्थ ' रक्षक कवच ' है और इसका शिखर 'अभेद्य कवच' है. अपने आदर्श वाक्य 'निर्भय, अभेद्य और बलशील' (निडर, अदम्य, दृढ़) के साथ , यह जहाज देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा और सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है.
INS तुशील के नाम से थर्राएंगे दुश्मन
INS तुशील 125 मीटर लंबा, 3900 टन वजनी जहाज घातक है. इससे दुश्मनों में खलबली मच जाएगी.इस जंगी जहाज में 18 अधिकारी और 180 सैनिक तैनात हो सकते हैं, जो 30 दिन तक समुद्र में रह सकते हैं. खास बात ये है कि ये एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और 24 मीडियम रेंज की मिसाइलों से लैस है, जो युद्ध के दौरान दुश्मनों के छक्के छुड़ा देगा.
भारतीय नौसैनिक एक्सपर्ट्स और सेवर्नॉय डिजाइन ब्यूरो के सहयोग से जहाज की स्वदेशी सामग्री को प्रभावशाली 26% तक बढ़ाया गया है और इसके साथ ही भारत में निर्मित प्रणालियों की संख्या दोगुनी से भी अधिक बढ़कर 33 हो गई है. इसमें शामिल प्रमुख भारतीय OEMs में ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, केलट्रॉन, टाटा से नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम, एल्कोम मरीन, जॉनसन कंट्रोल्स इंडिया और कई अन्य शामिल थे.