भारत का UPI बना दुनिया का नंबर-1 रियल टाइम पेमेंट सिस्टम, IMF की रिपोर्ट में Visa दूसरे नंबर पर खिसका

भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम के लिए बड़ी उपलब्धि सामने आई है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब दुनिया का सबसे बड़ा रियल टाइम पेमेंट सिस्टम बन गया है. इसने वैश्विक दिग्गज Visa को पीछे छोड़ते हुए डिजिटल ट्रांजेक्शन के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है.;

( Image Source:  X/DDNEWS )
Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 21 July 2025 3:12 PM IST

भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम ने दुनिया में नया इतिहास रच दिया है. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब दुनिया का नंबर-1 रियल टाइम पेमेंट सिस्टम बन चुका है, जिसने पेमेंट्स के दिग्गज Visa को पीछे छोड़ दिया है. रिपोर्ट का शीर्षक 'Growing Retail Digital Payments: The Value of Interoperability' है, जिसमें बताया गया कि UPI भारत के 85% डिजिटल पेमेंट्स को संचालित करता है और वैश्विक स्तर पर 60% हिस्सेदारी रखता है.

जून 2025 में UPI ने 18.39 बिलियन ट्रांजेक्शन प्रोसेस किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹24 लाख करोड़ रही. UPI अब प्रतिदिन 640 मिलियन से ज्यादा ट्रांजेक्शन संभाल रहा है, जबकि Visa 639 मिलियन पर है. सिर्फ 9 साल में यह उपलब्धि हासिल करना एक क्रांतिकारी बदलाव है, जिसने भारत को डिजिटल फाइनेंस में अग्रणी बना दिया है.

IMF रिपोर्ट के अनुसार, UPI न केवल घरेलू स्तर पर, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तेजी से विस्तार कर रहा है. यह अब तक UAE, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस जैसे देशों में लाइव हो चुका है और BRICS ग्रुप में इसे स्टैंडर्ड बनाने की कोशिश चल रही है. यह भारत के लिए एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि है, जो न सिर्फ कैशलेस इकॉनमी बल्कि ग्लोबल फाइनेंशियल इकोसिस्टम में देश की पकड़ मजबूत कर रही है.

IMF रिपोर्ट में क्या कहा गया?

  • UPI ने भारत के डिजिटल पेमेंट्स का 85% हिस्सा कवर किया है
  • वैश्विक स्तर पर लगभग 60% रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन UPI के जरिए हो रहे हैं
  • जून 2025 में 18.39 बिलियन ट्रांजेक्शन प्रोसेस किए गए, जिनकी कुल वैल्यू ₹24 लाख करोड़ रही
  • साल-दर-साल (YoY) आधार पर यह 32% की ग्रोथ दर्शाता है
  • UPI दैनिक 640+ मिलियन ट्रांजेक्शन संभाल रहा है, जबकि Visa के आंकड़े 639 मिलियन के आसपास हैं

यह उपलब्धि इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि UPI ने यह मुकाम केवल 9 सालों में हासिल किया, जबकि Visa और Mastercard जैसे दिग्गजों को यहां तक पहुंचने में दशकों लगे.

UPI कैसे काम करता है?

UPI एक रियल टाइम पेमेंट सिस्टम है जो मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से दो बैंक अकाउंट्स के बीच तुरंत पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा देता है. इसे IMPS (Immediate Payment Service) के आधार पर तैयार किया गया है.

UPI की मुख्य विशेषताएं

  • एक ऐप में मल्टीपल बैंक अकाउंट लिंक करने की सुविधा
  • 24x7 इंस्टेंट मनी ट्रांसफर
  • मर्चेंट पेमेंट्स, बिल पेमेंट्स और P2P (Peer-to-Peer) ट्रांजेक्शन की सुविधा
  • QR कोड पेमेंट और VPA (Virtual Payment Address) का सपोर्ट
  • यही नहीं, UPI ने डिजिटल पेमेंट्स को सुरक्षित, सुविधाजनक और इंटरऑपरेबल बना दिया है

UPI की ग्लोबल सफलता

UPI अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है. IMF रिपोर्ट के मुताबिक UPI सात देशों में लाइव है - UAE, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस. खासतौर पर फ्रांस में UPI का लॉन्च एक बड़ा माइलस्टोन है, क्योंकि यह यूरोप में इसकी पहली एंट्री है. इसका मतलब है कि भारत से फ्रांस जाने वाले लोग आसानी से अपने मोबाइल से पेमेंट कर सकते हैं, विदेशी ट्रांजेक्शन की जटिलताओं से बचते हुए.

भारत BRICS ग्रुप के भीतर UPI को स्टैंडर्ड बनाने की कोशिश कर रहा है. अगर ऐसा होता है, तो रेमिटेंस आसान होंगे, वित्तीय समावेशन बढ़ेगा और भारत की तकनीकी लीडरशिप और मजबूत होगी.

UPI ने कैसे बदली डिजिटल पेमेंट की तस्वीर?

IMF रिपोर्ट ने साफ किया कि UPI की सफलता का सबसे बड़ा कारण है इसका ओपन प्लेटफॉर्म मॉडल, जिसे NPCI (National Payments Corporation of India) मैनेज करता है. रिपोर्ट के अनुसार, ओपन कनेक्टिविटी ने बैंकों और फिनटेक ऐप्स को एक समान प्लेटफॉर्म पर जोड़ दिया. इससे यूज़र्स को विकल्प मिला कि वे अपनी पसंद का ऐप चुन सकें. इस मॉडल ने प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया, जिससे कंपनियों को बेहतर सुरक्षा, फीचर्स और यूज़र एक्सपीरियंस पर फोकस करना पड़ा. यही कारण है कि Google Pay, PhonePe, Paytm जैसे ऐप्स तेजी से लोकप्रिय हुए और मार्केट में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बना.

Visa और Mastercard से आगे UPI - क्यों है ये बड़ी जीत?

Visa और Mastercard जैसे प्लेटफॉर्म्स दशकों से वैश्विक डिजिटल पेमेंट्स पर राज कर रहे थे. लेकिन UPI फ्री-टू-यूज़ है जबकि Visa/Mastercard ट्रांजेक्शन चार्ज करते हैं. UPI ने QR कोड और मोबाइल फर्स्ट अप्रोच के जरिए कैशलेस ट्रांजेक्शन को बेहद आसान बनाया. ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इसकी सुलभता ने इसे सभी वर्गों के लिए सुविधाजनक बना दिया.

भारत के लिए क्या मायने रखती है यह सफलता?

UPI का दुनिया का नंबर-1 रियल टाइम पेमेंट सिस्टम बनना सिर्फ तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि...

  • यह भारत की डिजिटल इकॉनमी को मजबूत करता है.
  • स्टार्टअप्स और फिनटेक सेक्टर को बढ़ावा देता है.
  • भारत को ग्लोबल डिजिटल फाइनेंशियल हब बनने की दिशा में आगे ले जाता है
  • इससे रेमिटेंस कॉस्ट घटेगी और क्रॉस-बॉर्डर ट्रांजेक्शन तेज होंगे

IMF की रिपोर्ट ने साबित कर दिया कि भारत का UPI सिर्फ एक पेमेंट सिस्टम नहीं, बल्कि डिजिटल रेवोल्यूशन का चेहरा है. Visa को पछाड़ना बताता है कि भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि फिनटेक इनोवेशन में ग्लोबल लीडर बन चुका है.

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