क्या था बोफोर्स घोटाला? जांच के लिए भारत ने अमेरिका से मांगी डिटेल

Bofors Scam: राजीव गांधी में तोपों की खरीद के लिए बोफोर्स स्कैम हुआ था. जिसमें 64 करोड़ रुपये की रिश्वत का मामला सामने आया था. इस केस का सच पूरी तरह से अब तक सामने नहीं आया. अब भारत सरकार ने फिर से जांच के लिए अमेरिका से संपर्क किया है. सीबीआई ने न्यायिक अनुरोध पत्र भेजा है. स्वीडन से 155 मिमी फील्ड आर्टिलरी गन खरीद की डिटेल मांगी है.;

( Image Source:  @VinodDX9 )

What Is Bofors Scam: देश की केंद्रीय जांच एजेंसियां अलग-अलग घोटाले की जांच कर रही है. पिछली सरकारों में कई घोटालों का खुलासा हुआ था, जिसमें एक कथित बोफोर्स स्कैम का नाम भी शामिल है. राजीव गांधी सरकार के दौरान यह मामला सामने आया था, लेकिन अब तक इसमें उचित कार्रवाई नहीं हुई. अब भारत सरकार फिर से इसकी जांच शुरू करने जा रही है. इस संबंध में सरकार ने अमेरिका से संपर्क किया है और 1980 की 64 करोड़ रुपये की बोफोर्स डील से जुड़ी जानकारी मांगी है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने बोफोर्स स्कैम की गुत्थी सुलझाने के लिए अमेरिका को एक न्यायिक अनुरोध पत्र भेजा है. जिसमें सरकार ने एक कोर्ट के आदेश का हवाला दिया और स्वीडन से 155 मिमी फील्ड आर्टिलरी गन खरीद की डिटेल मांगी है. हाल ही में सीबीआई ने पत्र अमेरिकी सरकार को भेजा है.

बोफोर्स स्कैम की फिर से होगी जांच

रिपोर्ट में बताया गया कि सीबीआई ने स्वीडिश हथियार निर्माता एबी बोफोर्स ने भारत से 400 हॉवित्जर ऑर्डर लिया था. इसके डील के लिए कथित रिश्वत दी गई और यूएस की निजी जासूसी फर्म फेयरफैक्स के चीफ माइकल हर्शमैन के पास से डील की जानकारी मांगी है. सीबीआई ने अक्टूबर 2024 में दिल्ली की एक कोर्ट से अमेरिकी अधिकारियों से जानकारी हासिल करने की परमिशन मांगी थी. बता दें कि साल 2017 में हर्शमैन ने दावा किया और कहा था कि तब के पीएम राजीव गांधी गुस्से में थे. उन्होंने स्विस बैंक अकाउंट मॉन्ट ब्लांक मिला था, अकाउंट में रिश्वत की बैंक जमा थी. सरकार इस घोटाले की जांच करने में असफल रही थी.

कितनी थी रिश्वक की रकम?

बोफोर्स घोटाला में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने स्वीडिश कंपनी बोफोर्स के साथ 1,437 करोड़ रुपये की डील की थी. जिसमें 64 करोड़ रुपये की रिश्वत का आरोप लगा था. हॉवित्जर तोपों का इस्तेमाल कारगिल युद्ध में किया गया था.

क्या था बोफोर्स स्कैम?

बोफोर्स घोटाले का खुलासा स्वीडिश रेडियो की ओर से किया गया था. इससे 1989 के चुनाव में कांग्रेस की सरकार की हार का बड़ा कारण बना था. तब के पीएम राजीव गांधी और पत्नी सोनिया गांधी के दोस्त माने जाने वाले क्वात्रोच्चि ने यह डील करवाई थी. उन पर डील में पैसे लेने का आरोप था. क्वात्रोच्चि 1993 में देश छोड़कर भाग गया था. इसके बाद दिल्ली की एक कोर्ट ने साल 2011 में सीबीआई को केस को बंद करने का आदेश दिया.

Similar News