नवंबर तक अमेरिका के साथ हो जाएगा व्यापार समझौता, पीयूष गोयल ने बताया US के साथ कब और कैसे होगी डील
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) पर बातचीत सकारात्मक मोड़ पर है. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उम्मीद है कि नवंबर तक यह समझौता संपन्न हो जाएगा. उन्होंने बताया कि हाल की टैरिफ तनाव के बावजूद दोनों देश व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. भारत आत्मनिर्भरता और सप्लाई चेन मजबूती पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.;
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और अमेरिका नवंबर तक द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) पूरा कर सकते हैं, भले ही हाल ही में अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ के चलते दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण रहे हों. उन्होंने 2025 की वार्षिक ग्लोबल इन्वेस्टर कॉन्फ्रेंस में वर्चुअल संबोधन के दौरान कहा, 'मुझे उम्मीद है कि चीजें जल्द पटरी पर लौट आएंगी और फरवरी में हमारे नेताओं की चर्चा के अनुसार, नवंबर तक हम द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देंगे.'
गोयल ने यह भी स्वीकार किया कि 'थोड़े बहुत भू-राजनीतिक मुद्दों ने व्यापार वार्ता में आगे बढ़ने में बाधा डाली,' लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों पक्ष सक्रिय रूप से बातचीत जारी रखे हुए हैं. पीयूष गोयल ने बताया कि भारत मुख्य क्षेत्रों जैसे ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स में आत्मनिर्भरता बढ़ाने और सप्लाई चेन को मजबूत बनाने पर केंद्रित है. उन्होंने कहा, 'हम किसी एक भौगोलिक क्षेत्र के रहम और दया पर नहीं हैं जो हमारी उद्योग को गंभीर नुकसान पहुँचा सके. उन्होंने वैश्विक परिस्थितियों के उतार-चढ़ाव में अवसर भी देखे और कहा, 'यह आधा भरा हुआ गिलास है… सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर दीर्घकालीन क्षमता निर्माण के लिए काम कर रहे हैं.'
अन्य व्यापार समझौते और वैश्विक सहयोग
गोयल ने यह भी बताया कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया, UAE, मॉरीशस, UK और EFTA ब्लॉक के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जबकि यूरोपीय संघ (EU) के साथ वार्ता महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर चुकी है. मार्च से अब तक भारत और अमेरिका के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $191 बिलियन से बढ़ाकर $500 बिलियन तक ले जाना है. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क और अतिरिक्त 25 प्रतिशत रूसी तेल की खरीद को लेकर.
ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत “रूस के युद्ध प्रयास को बढ़ावा दे रहा है,” जबकि भारत ने अपनी ऊर्जा नीति को राष्ट्रीय हित का मामला बताते हुए सुरक्षा और व्यापार की रक्षा की. यूएस ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने पहले एक सुलहपूर्ण स्वर में कहा, “दिन के अंत में, दो महान देश इसे हल कर लेंगे. भारत दुनिया का सबसे जनसंख्या वाला लोकतंत्र है. उनके मूल्य हमारे और चीन के करीब हैं, रूस के नहीं.”