कितनी तरह की पेंशन देता है EPFO, करते हैं प्राइवेट नौकरी तो पता होनी चाहिए यह बात

कंपनियों में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए EPFO एक पेंशन स्कीम प्रदान करती है जिसका नाम एम्पलाइज पेंशन स्कीम है. ईपीएफओ का होना बहुत जरूरी है क्योंकि ये लाखों लोगों को रिटायरमेंट के बाद या उससे पहले विशेष परिस्थितियों में मेंबर्स परिजनों को आर्थिक मदद प्रदान करता है. ईपीएफओ का सदस्य होना चाहिए और पेंशन के लिए कर्मचारी की उम्र 58 साल होनी चाहिए. रिटायर होने के बाद यानी 60 साल की उम्र तक पेंशन स्थगित कर सकते हैं. ऐसा करने पर सालाना 4 फीसदी की अतिरिक्त दर से पेंशन मिलेगी.;

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Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 20 Nov 2024 9:11 PM IST

EPFO Pension: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) संगठित क्षेत्र में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है. इसके जरिए कर्मचारियों को प्रॉविडेंड फंड, इंश्योरेंस और पेंशन जैसी सुविधाएं दी जाती हैं.

कंपनियों में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए EPFO एक पेंशन स्कीम प्रदान करती है जिसका नाम एम्पलाइज पेंशन स्कीम है. ईपीएफओ का होना बहुत जरूरी है क्योंकि ये लाखों लोगों को रिटायरमेंट के बाद या उससे पहले विशेष परिस्थितियों में मेंबर्स परिजनों को आर्थिक मदद प्रदान करता है. आज हम आपको बताएंगे कि EPFO के तरह कितने प्रकार की पेंशन मिलती है.

प्राइवेट जॉब वर्कर्स को कब मिलती है पेंशन?

एम्पलाइज पेंशन स्कीम के तहत पेंशन पाने के लिए वर्कर्स को कुछ नियमों का पालन करना होता है. जिनमें नौकरी का कार्यकाल कम से कम 10 साल का होना चाहिए. ईपीएफओ का सदस्य होना चाहिए और पेंशन के लिए कर्मचारी की उम्र 58 साल होनी चाहिए. रिटायर होने के बाद यानी 60 साल की उम्र तक पेंशन स्थगित कर सकते हैं. ऐसा करने पर सालाना 4 फीसदी की अतिरिक्त दर से पेंशन मिलेगी.

कितने प्रकार की मिलती है पेंशन?

अर्ली पेंशन- इसके तहत दस साल या इससे अधिक समय तक नौकरी की और 58 साल के होने से पहले रियारमेंट ले लेते हैं या फिर नौकरी नहीं करते तो वह अर्ली पेंशन का लाभ उठा सकते हैं. ईपीएफओ के अनुसार, अगर कोई 58 साल से पहले पेंशन लेता है तो उसे पेंशन की राशि कम मिलती है.

सुपरएन्युएशन पेंशन- इसके तहत अगर किसी कर्मचारी ने दस साल या उससे अधिक संगठिक क्षेत्र में नौकरी की है. उसकी उम्र 58 साल की उम्र पूरी होने के बाद रिटायरमेंट होता है तो उसे सुपरएन्युएशन पेंशन का लाभ मिलेगा.

विंडो एंड चिल्ड्रेन पेंशन- इसके तहत विधवा पेंशन असमय मृत्यु हो जाने पर ईपीएफओ सदस्य के जीवनसाथी को वित्तीय सहायता दी जाती है. यह लाभ मंथली पेंशन के रूप में दिया जाता है, जिससे अपने पार्टनर के चले जाने के बाद अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है.

विकलांगता पेंशन- यह उन सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है जो अपनी सेवा के दौरान स्थायी रूप से और पूरी तरह से विकलांग हो जाते हैं.

आश्रित मामा-पिता को पेंशन- अगर सदस्य की मृत्यु के समय कोई परिवार का सदस्य न रहा हो और उसने पेंशन के लिए किसी को नॉमिनी न किया हो तो डिपेन्डेंट पेरेंट पेंशन के हकदार होते हैं.

नॉमिनी पेंशन- यह ईपीएफओ सदस्य द्वारा बनाए गए नॉमिनी को मिलती है. फिर वह जीवनसाथी, बच्चा. मां-बाप कोई भी हो सकता है. अगर ईपीएफओ सदस्य ने अपने पेरेंट्स को नॉमिनी बनाया है तो ऐसे में पेंशन के तय हिस्से के लिए हिसाब से दोनों को रकम मिलेगी.

अनाथ पेंशन- मृतक ईपीएफओ सदस्य के लाइफ पाटर्नर के जीवित न होने की स्थिति में बच्चों को अनाथ पेंशन के रूप में आर्थिक मदद दी जाती है. यह मंथली बेसिस पर रिलीज की जाती है. जिससे बच्चे के पालन-पोषण और शिक्षा में इस्तेमाल किया जा सके.

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