'कल की बंदूक से आज की जंग नहीं जीत सकते' - CDS अनिल चौहान ने दी चेतावनी, कहा - ड्रोन होंगे गेम चेंजर : 10 बड़ी बातें
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि आधुनिक युद्ध जीतने के लिए अत्याधुनिक तकनीक जरूरी है. उन्होंने चेताया कि भारत को विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम कर, ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम का स्वदेशीकरण करना होगा. ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के UAV और लोटरिंग म्यूनिशन को भारतीय बलों ने पूरी तरह निष्क्रिय किया. चौहान ने कहा कि “भविष्य की लड़ाई में ड्रोन और हाई-टेक हथियार निर्णायक भूमिका निभाएंगे.”;
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने बुधवार को स्पष्ट संदेश दिया कि भविष्य का युद्ध केवल अत्याधुनिक तकनीक से ही जीता जा सकता है. उन्होंने कहा, “हम आज की जंग को पुराने हथियारों से नहीं जीत सकते. हमें भविष्य की तकनीक अपनानी होगी.” यह बयान उन्होंने ड्रोन और काउंटर-ड्रोन सिस्टम्स के स्वदेशीकरण पर आयोजित वर्कशॉप में दिया.
चौहान ने पाकिस्तान के खिलाफ हाल में हुए ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने अनआर्म्ड ड्रोन और लोटरिंग म्यूनिशंस का इस्तेमाल किया, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक उपायों से निष्क्रिय कर दिया. उन्होंने यह भी बताया कि इन UAVs ने किसी भी सैन्य या नागरिक ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचाया.
CDS ने कहा कि हालिया वैश्विक संघर्ष यह साबित कर चुके हैं कि ड्रोन युद्ध में गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं. ऐसे में भारत को विदेशी निर्भरता से बाहर निकलकर स्वदेशी हथियार प्रणाली विकसित करनी होगी. साथ ही, उन्नत एंटी-ड्रोन तकनीक तैयार करना समय की मांग है.
CDS अनिल चौहान के बयान की 10 बड़ी बातें
- CDS ने कहा कि आज का युद्ध कल की तकनीक से जीता जाएगा, इसलिए पुराने हथियारों पर निर्भरता छोड़नी होगी.
- उन्होंने जोर दिया कि विदेशी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता भारत की रणनीतिक तैयारी और आत्मनिर्भरता को कमजोर कर देती है.
- वर्कशॉप में ड्रोन और काउंटर-यूएवी सिस्टम्स के स्वदेशीकरण को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए और इंडस्ट्री को सहयोग का आह्वान किया.
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अनआर्म्ड ड्रोन और लोटरिंग म्यूनिशंस का इस्तेमाल किया लेकिन भारत ने उन्हें निष्क्रिय किया.
- काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक उपायों से सभी दुश्मन ड्रोन नष्ट किए गए, किसी भी सैन्य या नागरिक ढांचे को नुकसान नहीं हुआ.
- CDS ने चेतावनी दी कि ड्रोन अब सिर्फ एक संभावना नहीं बल्कि युद्ध का निर्णायक हथियार बन चुके हैं.
- उन्होंने कहा कि आधुनिक संघर्षों में ड्रोन युद्ध की दिशा बदल सकते हैं और रणनीतिक संतुलन को हिला सकते हैं.
- भारतीय सेना को हाई-टेक ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीक में आत्मनिर्भर बनने के लिए अनुसंधान पर निवेश करना होगा.
- CDS ने स्पष्ट किया कि काउंटर-ड्रोन तकनीक के लिए काइनेटिक और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर उपाय दोनों आवश्यक हैं.
- उनका संदेश स्पष्ट था - “टेक्नोलॉजी में प्रभुत्व के बिना कोई देश आज की या आने वाली जंग नहीं जीत सकता.”