बाबरी मस्जिद विध्वंस के पांच किरदार, एक ने छाती ठोंककर ली थी ढहाने की जिम्मेदारी
Babri Masjid Demolition: यूपी के अयोध्या जिले में स्थित बाबरी मस्जिद को 6 दिसंबर 1992 को ढहाई गई. इस मामले में दो एफआईआर दर्ज कराई गई थी. पहली एफआईआर में कारसेवकों, जबकि दूसरे एफआईआर में 8 लोगों को आरोपी बनाया गया था. आइए, बाबरी विध्वंस के पांच अहम किरदारों के बारे में जानते हैं...;
Demolition of the Babri Masjid: 6 दिसंबर 1992 ... यह तारीख भारत के इतिहास में हमेशा याद रखी जाएगी. इस दिन ऐसी घटना हुई, जिसकी गूंज 32 साल बाद भी सुनाई दे रही है. दरअसल, इसी दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने ढहा दिया था. इसे लेकर पूरे देश में हिंसा भड़क उठी, जिसमें हजारों लोग मारे गए.
बाबरी विध्वंस मामले में उसी दिन यानी 6 दिसंबर 1992 को दो एफआईआर दर्ज कराई गई थी. पहली एफआईआर कारसेवकों के खिलाफ दर्ज कराई गई थी, जबकि दूसरी एफआईआर बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से जुड़े 8 लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई थी. आइए, आपको बाबरी विध्वंस के 5 प्रमुख किरदारों के बारे में बताते हैं...
1- लालकृष्ण आडवाणी
6 दिसंबर 1992 को दर्ज कराई गई दूसरी एफआईआर में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा , गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, वीएचपी के तत्कालीन महासचिव अशोक सिंघल और बजरंग दल के नेता विनय कटियार शामिल हैं. आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा शुरू की थी. हालांकि, बिहार में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट में कहा गया है कि आडवाणी ने 6 दिसंबर 1992 को कहा था कि आज कारसेवा का आखिरी दिन है. कार सेवक आखिरी बार कारसेवा करेंगे. चार्जशीट में कहा गया है कि आडवाणी ही बाबरी मस्जिद विध्वंस के षड्यंत्र के मुख्य सूत्रधार हैं. उनकी रथ यात्रा अक्तूबर 1990 से शुरू होकर दिसंबर 1992 तक चली थी.
चार्जशीट के मुताबिक, आडवाणी ने कहा था कि बाबरी मस्जिद कभी भी मस्जिद नहीं रही. हिंदू संगठन हर हाल में अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कृत संकल्पित है. आडवाणी पर यह भी आरोप है कि उन्होंने रामकथा अकुंज के मंच से कहा था कि जो कार सेवक शहीद होने आए हैं, उन्हें शहीद होने दिया जाए. मंदिर बनाना है, मंदिर बनाकर जाएंगे. हिंदू राष्ट्र बनाएंगे.
चार्जशीट के मुताबिक, आडवाणी को जब पता चला कि केंद्रीय बल फैजाबाद से अयोध्या आ रहा है तो उन्होंने लोगों से नेशनल हाईवे को को रोकने के लिए कहा. उन्होंने तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह को फोन कर कहा कि विवादित ढांचा जब तक पूरा न गिर जाए, तब तक इस्तीफा न दें. हालांकि, आडवाणी ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है.
2- मुरली मनोहर जोशी
मुरली मनोहर जोशी पर आरोप है कि वे छह दिसंबर 1992 को विवादित परिसर में ही मौजूद थे. गुंबद गिरने पर उमा भारती उनसे गले भी मिली थी. जोशी वाराणसी, प्रयागराज और कानपुर से सांसद रह चुके हैं. इस समय वे बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य हैं. बाबरी विध्वंस के समय वे बीजेपी के दूसरे बड़े नेता थे.
जोशी पर आरोप है कि 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट से प्रतीकात्मक कार सेवा का निर्णय हो जाने के बाद भी उन्होंने सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाले भाषण दिए थे, जिससे पूरे प्रदेश में तनाव का माहौल हो गया.
3- कल्याण सिंह
सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह ने बाबरी मस्जिद विध्वंस में साथ दिया. उन्होंने 1991 में सीएम पद की शपथ लेने के बाद जोशी और आडवाणी के साथ अयोध्या जाकर शपथ ली थी कि विवादित स्थान पर ही मंदिर का निर्माण होगा. उन्होंने इस दौरान 'रामलला हम आए हैं, मंदिर यहीं बनाएंगे'नारा भी लगाया.
कल्याण सिंह पर यह भी आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार की तरफ से 195 कंपनी केंद्रीय पैरा मिलिट्री फोर्स भेजी गई, लेकिन उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने में इसका उपयोग नहीं किया. इसके साथ ही, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद की सुरक्षा को लेकर दिए गए आश्वासन की भी पालन नहीं किया.
कल्याण सिंह अयोध्या में घटना के समय मौजूद नहीं थी, फिर भी उन्हें षड्यंत्र में शामिल बताया गया. उन्होंने यह स्वीकार किया था कि गोली न चलाने का आदेश उन्होंने ही जारी किया था. कल्याण सिंह ने भी सभी आरोपों से इनकार किया था. वे अब इस दुनिया में नहीं हैं.
4- अशोक सिंघल
अशोक सिंघल विश्व हिंदू परिषद के नेता थे. अब वे हमारे बीच नहीं हैं. उन्हें रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण आंदोलन का प्रमुख स्तंभ माना जाता है. सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, सिंघल ने 20 नवंबर 1992 को बाल ठाकरे से मुलाकात की और उन्हें कार सेवा में भाग लेने का निमंत्रण दिया. 4 दिसंबर 1992 को बाल ठाकरे ने शिवसैनिकों को अयोध्या जाने का आदेश दिया.
चार्जशीट के मुताबिक, अशोक सिंघल ने कहा था कि 6 दिसंबर की कारसेवा में बाबरी मस्जिद के ऊपर मौजूद मीर बाकी के शिलालेख को हटाया जाएगा, क्योंकि यही अकेला चिन्ह मस्जिद के संबंध में है. उन्होंने 5 दिसंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि मंदिर निर्माण में जो भी बाधा आएगी, उसे हम दूर कर देंगे. कार सेवा केवल भजन कीर्तन के लिए नहीं है. यह मंदिर के निर्माण कार्य को शुरू करने के लिए है.
चार्जशीट में यह भी आरोप लगाया गया है कि रामकथा कुंज पर बने मंच से उन्होंने 'रामलला हम आए हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे' और एक धक्का दो और बाबरी मस्जिद तोड़ दो जैसे नारे भी लगवाए. सिघल 2011 तक विहिप के अध्यक्ष रहे. 17 नवंबर 2015 को उनका निधन हो गया.
5- विनय कटियार
चार्जशीट में कहा गया है कि 5 दिसंबर 1992 को अयोध्या में भाजपा नेता विनय कटियार के घर पर एक गोपनीय बैठक हुई थी. इसी बैठक में विवादित ढांचे को गिराने को लेकर अंतिम फैसला लिया गया. कटियार ने 14 नवंबर 1992 को अयोध्या में कहा था कि बजरंग दल का आत्मघाती दस्ता कार सेवा करने को तैयार है. छह दिसंबर को यह दस्ता शिवाजी महाराज की रणनीति अपनाएगा.
चार्जशीट में कहा गया है कि विनय कटियार ने 6 दिसंबर को कहा था कि हमारे बजरंगियों का उत्साह समुद्री तूफान से भी आगे बढ़ चुका है, जो एक नहीं, कई बाबरी मस्जिदों को ध्वस्त कर देगा. कटियार ने 1984 में बजरंग दल का गठन किया. वे फैजाबाद लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे. उन्हें दो बार राज्यसभा भी भेजा गया. उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव की भी जिम्मेदारी निभाई. कटियार ने कोर्ट में विवादित ढांचा ढहाने की बात स्वीकार की थी. उन्होंने कहा था कि विवादित ढांचा कोई नहीं था. वहां मंदिर था. मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाया गया था. इसलिए मैंने उस जर्जर ढांचे को गिरा दिया था.