क्या आप फिर से नहीं कर पा रहे हैं UPI Payment? एक बार फिर यूजर्स हुए परेशान
देश का सबसे भरोसेमंद और इस्तेमाल किया जाने वाला डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म UPI एक बार फिर शनिवार को ठप पड़ गया। दोपहर तक 2,000 से ज्यादा यूज़र्स ने शिकायतें दर्ज कराईं कि न तो पेमेंट हो रहा है और न ही फंड ट्रांसफर, Downdetector पर अचानक शिकायतों की बाढ़ आ गई, जिनमें ज़्यादातर लोग लेन-देन फेल होने और ट्रांजैक्शन लटक जाने को लेकर परेशान दिखे.;
देश का सबसे भरोसेमंद और इस्तेमाल किया जाने वाला डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म UPI एक बार फिर शनिवार को ठप पड़ गया. दोपहर तक 2,000 से ज्यादा यूज़र्स ने शिकायतें दर्ज कराईं कि न तो पेमेंट हो रहा है और न ही फंड ट्रांसफर, Downdetector पर अचानक शिकायतों की बाढ़ आ गई, जिनमें ज़्यादातर लोग लेन-देन फेल होने और ट्रांजैक्शन लटक जाने को लेकर परेशान दिखे.
खास बात यह है कि बीते एक हफ्ते में यह तीसरी बार है जब UPI सिस्टम इस तरह की गड़बड़ी का शिकार हुआ है. बार-बार हो रहे इन टेक्निकल फेलियर्स की वजह से यूज़र्स में काफी नाराज़गी देखी जा रही है. सोशल मीडिया पर भी लोगों ने #UPIdown और #DigitalDhokha जैसे हैशटैग के साथ सरकार और सिस्टम पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.
हर बार UPI ठप क्यों हो जाता है? उठे सवाल
देश में आज डिजिटल पेमेंट्स का सबसे बड़ा आधार बन चुका है UPI, लेकिन जब यही आधार बार-बार हिलने लगे तो सवाल उठने लाज़मी हैं. शनिवार को फिर एक बार UPI सर्विस क्रैश हो गई और लाखों यूज़र्स के ट्रांजैक्शन अटक गए. ना सिर्फ़ आम आदमी, बल्कि दुकानदारों और छोटे कारोबारियों तक को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ा. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अब तक इस आउटेज की कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई है. लोगों को अंदेशा है कि या तो सर्वर ओवरलोड हुआ, या फिर साइबर सेक्योरिटी से जुड़ी कोई चूक हुई है.
8 अप्रैल को NPCI ने अंतरराष्ट्रीय लेन-देन से जुड़े कुछ नए बदलाव किए थे, जिसमें QR कोड स्कैन करके विदेशों में पेमेंट करने पर कुछ नई पाबंदियाँ लगाई गईं हैं ताकि पेयर की पहचान और सुरक्षित हो सके. हालांकि, घरेलू ट्रांजैक्शन लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. लेकिन ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या ये टेक्निकल फेलियर उन्हीं बदलावों का असर हैं? और अगर नहीं, तो बार-बार UPI के फेल होने की असली वजह क्या है?
Paytm, PhonePe, Google Pay जैसे तमाम ऐप भी इस आउटेज से प्रभावित हुए हैं, जिससे साफ़ हो गया है कि यह सिर्फ एक ऐप या प्लेटफॉर्म की दिक्कत नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम की कमजोरी है. UPI पर देश की आर्थिक गतिविधियाँ अब बहुत हद तक निर्भर हैं, ऐसे में बार-बार होने वाले ऐसे फेलियर ये दिखाते हैं कि हमें एक मजबूत और भरोसेमंद बैकअप सिस्टम तैयार करना होगा. वरना डिजिटल इंडिया का सपना अधूरा रह जाएगा.