45 साल बाद तिरुवनंतपुरम में खिला कमल, केरल में NDA की जीत ने बढ़ाया सियासी तापमान; थरूर के बयान से कांग्रेस को होगी बेकरारी!
केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में 45 साल बाद तिरुवनंतपुरम नगर निगम में NDA ने सबसे बड़ी पार्टी बनकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। राज्य की राजधानी में BJP की यह सफलता लेफ्ट और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती बन गई है। पीएम मोदी ने NDA को बधाई दी और इस जीत को महत्वपूर्ण सियासी संकेत बताया।;
केरल की राजनीति में स्थानीय निकाय चुनावों ने ऐसा भूचाल ला दिया है, जिसकी गूंज 2026 के विधानसभा चुनाव तक सुनाई देगी. भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में सबसे बड़ी पार्टी बनकर 45 वर्षों से चला आ रहा वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) का वर्चस्व तोड़ दिया है. यह जीत न सिर्फ राजधानी की राजनीति को नए सिरे से परिभाषित करती है, बल्कि केरल के शहरी इलाकों में BJP के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ मानी जा रही है.
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स्थानीय निकाय चुनाव 2025 की मतगणना पूरी होने के साथ ही NDA ने यह साफ कर दिया है कि वह अब सिर्फ वोट शेयर तक सीमित नहीं, बल्कि सत्ता पर सीधा दावा करने की स्थिति में पहुंच चुका है. तिरुवनंतपुरम के साथ-साथ त्रिपुनिथुरा और पलक्कड़ में मिली सफलताओं ने लेफ्ट और कांग्रेस दोनों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है.
तिरुवनंतपुरम नगर निगम में NDA की बड़ी जीत
राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम नगर निगम में कुल 101 वार्ड हैं. इनमें से NDA ने 50 वार्ड जीतकर सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा हासिल किया है. सत्तारूढ़ LDF को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी और वह सिर्फ 29 सीटों पर सिमट गया. कांग्रेस नेतृत्व वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) 19 सीटें जीत सका, जबकि दो सीटें निर्दलीयों के खाते में गईं. एक वार्ड में उम्मीदवार की मौत के कारण मतदान रद्द कर दिया गया था. यह जीत इसलिए भी ऐतिहासिक मानी जा रही है क्योंकि पिछले 45 वर्षों से तिरुवनंतपुरम नगर निगम पर LDF का दबदबा रहा है.
शशि थरूर बोले- 'लोकतंत्र की यही खूबसूरती है'
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे केरल लोकतंत्र के लिए 'अद्भुत दिन' बताया. उन्होंने UDF की राज्यभर में प्रदर्शन की सराहना करते हुए BJP की राजधानी में जीत को भी ऐतिहासिक करार दिया. थरूर ने X पर लिखा कि 'केरल के स्थानीय स्वशासन चुनावों में नतीजों का यह दिन वाकई अद्भुत है. जनादेश बिल्कुल साफ है और राज्य की लोकतांत्रिक भावना पूरी तरह से चमक रही है.'
उन्होंने UDF को बधाई देते हुए कहा कि विभिन्न स्थानीय निकायों में शानदार जीत के लिए यूडीएफ को ढेरों बधाइयाँ. यह एक बड़ी जनस्वीकृति है और राज्य विधानसभा चुनावों से पहले एक मजबूत संकेत भी. कड़ी मेहनत, स्पष्ट संदेश और सत्ता विरोधी माहौल,इन सभी का असर साफ दिखा है, जिसकी बदौलत 2020 की तुलना में कहीं बेहतर नतीजे हासिल हुए हैं.'
साथ ही उन्होंने अपने ही संसदीय क्षेत्र में BJP की जीत को स्वीकार करते हुए कहा कि मैं तिरुवनंतपुरम में भाजपा के ऐतिहासिक प्रदर्शन को भी स्वीकार करना चाहता हूँ और उनके शहर निगम में महत्वपूर्ण जीत पर विनम्र बधाई देता हूँ, यह मजबूत प्रदर्शन राजधानी के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है.”
'बदलाव के लिए प्रचार किया, जनता ने बदलाव चुना' – थरूर
शशि थरूर ने आगे कहा कि मैंने 45 सालों के एलडीएफ के कुशासन से बदलाव के लिए प्रचार किया, लेकिन मतदाताओं ने अंततः उस दूसरी पार्टी को ही समर्थन दिया जिसने शासन में स्पष्ट बदलाव की मांग की। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है.' उन्होंने साफ किया कि जनादेश चाहे किसी के पक्ष में हो, उसका सम्मान किया जाना चाहिए. 'जनादेश का सम्मान करना चाहिए, चाहे वह पूरे यूडीएफ के लिए हो या मेरी निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के लिए.'
त्रिपुनिथुरा में भी NDA का झटका, पहली बार BJP की सत्ता
एर्नाकुलम जिले की त्रिपुनिथुरा नगरपालिका में भी NDA ने बड़ा उलटफेर किया है. 53 सदस्यीय परिषद में NDA ने 21 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया. LDF को 20 सीटों से संतोष करना पड़ा, जबकि UDF 12 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रहा. यह पहली बार है जब BJP ने त्रिपुनिथुरा नगरपालिका पर नियंत्रण हासिल किया है. A-ग्रेड नगरपालिका माने जाने वाले इस क्षेत्र में दशकों से LDF और UDF के बीच सत्ता का अदला-बदली होती रही थी.
पलक्कड़ में NDA की पकड़ बरकरार
NDA ने पलक्कड़ नगरपालिका में भी अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखी है. यहां BJP 25 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि UDF को 18 और LDF को सिर्फ 9 सीटें मिलीं. पलक्कड़ लगातार BJP का मजबूत शहरी गढ़ बनता जा रहा है. केरल में स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में 9 और 11 दिसंबर को कराए गए थे. राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक कुल मतदान प्रतिशत 73.69% रहा.
पहले चरण में: 70.91%
दूसरे चरण में: 76.08%
2026 विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा संकेत
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि NDA की यह शहरी सफलता 2026 के केरल विधानसभा चुनाव से पहले समीकरण बदल सकती है. खासकर उन इलाकों में जहां BJP अब तक सत्ता से दूर रही थी, वहां यह जीत रणनीति और आत्मविश्वास दोनों को नई धार देगी.