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कुआलालंपुर में 20वें ईस्ट एशिया समिट में बोले एस. जयशंकर - “दुनिया को आतंकवाद पर दिखाना होगा ज़ीरो टॉलरेंस”

मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित 20वें ईस्ट एशिया समिट में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि “हम ऐसे दौर में हैं जब दुनिया भर में चल रहे संघर्षों के गहरे असर दिख रहे हैं. ये संघर्ष न केवल मानवीय त्रासदी ला रहे हैं, बल्कि खाद्य सुरक्षा को कमजोर कर रहे हैं, ऊर्जा आपूर्ति को खतरे में डाल रहे हैं और वैश्विक व्यापार को बाधित कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, “भारत गाज़ा शांति योजना का स्वागत करता है और यूक्रेन संघर्ष के शीघ्र अंत की कामना करता है. आतंकवाद एक निरंतर और विषैला खतरा बना हुआ है. दुनिया को इस पर ज़ीरो टॉलरेंस दिखाना चाहिए, क्योंकि आतंकवाद के खिलाफ हमारे आत्मरक्षा के अधिकार से कभी समझौता नहीं किया जा सकता.”

“दुनिया तेजी से बदल रही है, नए समीकरण बनेंगे”

जयशंकर ने कहा, “हम जटिल समय में मिल रहे हैं. सप्लाई चेन की विश्वसनीयता और बाज़ार तक पहुंच पर बढ़ती चिंताएं हैं. तकनीकी प्रतिस्पर्धा और प्राकृतिक संसाधनों की होड़ पहले से अधिक तेज हो गई है. ऊर्जा व्यापार सीमित हो रहा है, जिससे बाज़ार में विकृतियां पैदा हो रही हैं. सिद्धांतों को चयनात्मक रूप से लागू किया जा रहा है — जो कहा जाता है, वह अक्सर किया नहीं जाता.” उन्होंने आगे कहा, “परिवर्तन की अपनी गति होती है, और दुनिया को नई परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालना ही होगा. नए अवसर, नए समझौते और मजबूत समाधान सामने आएंगे. तकनीक, प्रतिस्पर्धा, बाजार का आकार, डिजिटलीकरण, कनेक्टिविटी, प्रतिभा और गतिशीलता की वास्तविकताओं को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. बहुध्रुवीयता (multipolarity) न केवल बनी रहेगी, बल्कि और भी मजबूत होगी — और इस पर गंभीर वैश्विक चर्चा जरूरी है.”

Update: 2025-10-27 13:30 GMT

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