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शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट, अब अक्षय तृतीया को खुलेंगे
अन्नकूट और गोवर्धन पूजा के शुभ अवसर पर आज सुबह 11:36 बजे गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए विधिवत रूप से बंद कर दिए गए. शीतकाल के दौरान मां गंगा की पूजा अब उनके शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा (मुखीमठ) गांव में की जाएगी.
कपाट बंद करने की प्रक्रिया परंपरागत विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के बीच संपन्न हुई. इस दौरान मंदिर को फूलों से सुंदर रूप से सजाया गया था और बड़ी संख्या में श्रद्धालु, पुजारीगण और स्थानीय लोग मौजूद रहे. जैसे ही कपाट बंद किए गए, पूरे परिसर में “जय मां गंगे” के जयकारे गूंज उठे.
हर साल दीपावली के बाद अन्नकूट और गोवर्धन पूजा के अवसर पर गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए जाते हैं, जो अगले वर्ष अक्षय तृतीया के अवसर पर पुनः खुलते हैं. इसी के साथ इस बार चारधाम यात्रा के समापन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. अब श्रद्धालु अगले छह महीनों तक मां गंगा के मुखबा गांव स्थित शीतकालीन मंदिर में जाकर दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगे. मुखबा गांव को गंगोत्री धाम की ‘निवास स्थली’ माना जाता है, जहां सर्दियों में देवी गंगा की प्रतिमा स्थापित की जाती है.