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तुर्की ने पाकिस्तान से किया दगा! UN में आर्टिकल 370 पर चु्प्पी, क्या भारत से होगी दोस्ती?

तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में इस बार कश्मीर मुद्दे पर कोई बात नहीं की. कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त करने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब यूएन में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन में अपने भाषण में कश्मीर का जिक्र नहीं किया है. अब ऐसा कहा जा रहा है कि क्या तुर्की भारत से दोस्ती करना चाहता है.

तुर्की ने पाकिस्तान से किया दगा! UN में आर्टिकल 370 पर चु्प्पी, क्या भारत से होगी दोस्ती?
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Credit- ANI

Turkey On Kashmir Issue: भारत ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया था. भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान और उसका परम मित्र तुर्की ने इस फैसले की निंदा की. दोनों दोस्त लगातार मिलकर इस फैसले का विरोध करते रहे. कश्मीर मामले पर तुर्की ने UN में हमेशा पाकिस्तान का साथ देकर भारत के खिलाफ जहर उगला है. लेकिन अब उसने पाकिस्तान का साथ छोड़ दिया है.

तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में इस बार कश्मीर मुद्दे पर कोई बात नहीं की. कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त करने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब यूएन में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन में अपने भाषण में कश्मीर का जिक्र नहीं किया है.

भारत से करना चाहता है दोस्ती?

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने यूएन में दिए अपने भाषण में एक बार फिर कश्मीर का उल्लेख नहीं किया है. अब ऐसा कहा जा रहा है कि क्या तुर्की भारत से दोस्ती करना चाहता है. कश्मीर को छोड़ देना विशेष रूप से उल्लेखनीय था, हालांकि इस बदलाव के कारण अभी भी अस्पष्ट हैं. भारत की बढ़ती वैश्विक स्थिति ने एर्दोआन के इस निर्णय को प्रभावित किया हो। कश्मीर पर उनका नरम रुख भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक रणनीतिक कूटनीतिक पैंतरेबाजी हो सकती है.

ब्रिक्स समूह शामिल होने की इच्छा

यह सब उसने ऐसे समय में किया है जब वो ब्रिक्स समूह का हिस्सा बनने की कोशिश कर रहा है. हाल ही में न्यूयॉर्क में 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में तुर्की ने कहा कि, हम ब्रिक्स के साथ अपने संबंधों को विकसित करने की अपनी इच्छा को बनाए रखते हैं, जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है.

गाजा का उठाया मुद्दा

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस अपने भाषण में गाजा के मुद्दों को उठाया है. मंगलवार को न्यूयॉर्क में यूएनजीए में अपने भाषण के दौरान, एर्दोगन ने मुख्य रूप से इजरायल-गाजा संघर्ष पर ध्यान केंद्रित किया. साथ ही फिलिस्तीनी क्षेत्र को "दुनिया के सबसे बड़े कब्रिस्तान" में बदलने के लिए संयुक्त राष्ट्र की तीखी आलोचना की. एर्दोगन ने कहा, गाजा में न केवल बच्चे मर रहे हैं बल्कि संयुक्त राष्ट्र प्रणाली भी मर रही है. सच्चाई मर रही है, पश्चिम जिन मूल्यों की रक्षा करने का दावा करता है वे मर रहे हैं.

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