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टूट चुकी है ट्रंप और मोदी की दोस्ती, व्हाइट हाउस ने भारत को चीन और रुस के करीब पहुंचा दिया है: जॉन बोल्टन

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने आरोप लगाया कि ट्रंप और पीएम मोदी के बीच पहले जो करीबी निजी रिश्ता था, अब वह "टूट चुका है" (Trump-Modi friendship 'gone now'). उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी नेता को निजी संबंधों के सहारे सुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए.यह कहना कि रिश्ते मजबूत हैं, उन्हें "सबसे बुरे हालात" से बचा नहीं सकता.

टूट चुकी है ट्रंप और मोदी की दोस्ती, व्हाइट हाउस ने भारत को चीन और रुस के करीब पहुंचा दिया है: जॉन बोल्टन
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( Image Source:  Sora_ AI )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 5 Sept 2025 7:38 AM IST

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच जो निजी रिश्ते कभी बहुत मजबूत थे, अब वो टूट चुके हैं. बोल्टन ने चेतावनी दी कि किसी भी वैश्विक नेता को यह नहीं सोचना चाहिए कि ट्रंप के साथ व्यक्तिगत समीपता उन्हें 'सबसे बुरे हालात' से बचा सकती है.

हाल ही में भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव देखा गया है. ट्रंप प्रशासन ने भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लगाते हुए इसे रूस और व्लादिमीर पुतिन की युद्ध नीति से जोड़ दिया. साथ ही, व्हाइट हाउस सलाहकार पीटर नवारो ने भारत की ऊर्जा और रक्षा नीतियों को लेकर तीखे हमले किए. इससे भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास बढ़ गई और नई दिल्ली को रूस और चीन की ओर झुकना पड़ा.

'निजी रिश्तों से वैश्विक रिश्ते नहीं तय होते'

बोल्टन ने ब्रिटिश मीडिया पोर्टल LBC को दिए इंटरव्यू में कहा कि 'मेरा मानना है कि ट्रंप अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नेताओं के निजी रिश्तों के नजरिए से देखते हैं. अगर उनका रिश्ता व्लादिमीर पुतिन से अच्छा है, तो इसका मतलब अमेरिका और रूस का रिश्ता भी अच्छा है. लेकिन हकीकत इससे अलग है.'

बोल्टन, जो ट्रंप की पहली टर्म में NSA रहे थे, ने कहा कि मोदी और ट्रंप की पर्सनल बॉन्डिंग अब खत्म हो चुकी है. उन्होंने चेतावनी दी कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर समेत सभी नेताओं को यह सीख लेनी चाहिए कि “निजी रिश्ते मदद कर सकते हैं, लेकिन आपको सबसे बुरे हालात से नहीं बचा पाएंगे.

भारत को रूस और चीन की ओर धकेल रहा है व्हाइट हाउस

बोल्टन ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि व्हाइट हाउस की नीतियों ने भारत-अमेरिका संबंधों को दशकों पीछे धकेल दिया है. उन्होंने कहा कि 'व्हाइट हाउस ने मोदी को रूस और चीन के करीब पहुंचा दिया है. बीजिंग खुद को अमेरिका के विकल्प के रूप में पेश कर रहा है और डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को उसकी ओर धकेला है.

बोल्टन के मुताबिक, अमेरिका ने वर्षों तक bipartisan (द्विदलीय) प्रयास किए थे कि भारत शीत युद्ध की सोच से बाहर निकलकर रूस से दूरी बनाए और चीन को मुख्य खतरे के रूप में देखे. लेकिन ट्रंप की हालिया नीतियों ने इस संतुलन को उलट दिया.

'हालात बहुत खराब, लेकिन सुधार संभव'

जॉन बोल्टन ने माना कि मौजूदा समय भारत-अमेरिका संबंधों के लिए बेहद खराब है, लेकिन इसे पलटा जा सकता है. उन्होंने कहा कि 'यह हालात बहुत खराब हैं, लेकिन इन्हें दोबारा सुधारा जा सकता है. फिर भी यह सही मायनों में कठिन दौर है.

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