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'भारत-चीन से 'सज़ा' की भाषा में बात नहीं कर सकते, अब जमाना बदल चुका है'; टैरिफ वार पर पुतिन का अमेरिका को करारा तमाचा!

पुतिन ने साफ कहा कि अब औपनिवेशिक युग खत्म हो चुका है और अमेरिका को यह समझना होगा कि वह इन दोनों एशियाई दिग्गजों से 'सज़ा देने की भाषा' में बात नहीं कर सकता. उनका कहना है कि वॉशिंगटन की आर्थिक दबाव की नीति, भारत और चीन जैसी शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं की नेतृत्व क्षमता को कमजोर करने की कोशिश है.

भारत-चीन से सज़ा की भाषा में बात नहीं कर सकते, अब जमाना बदल चुका है; टैरिफ वार पर पुतिन का अमेरिका को करारा तमाचा!
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 5 Sept 2025 6:28 AM

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को सख्त चेतावनी दी है कि वह भारत और चीन पर टैरिफ और प्रतिबंधों के जरिए दबाव बनाने की कोशिश न करे. यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की है.

पुतिन ने साफ कहा कि अब औपनिवेशिक युग खत्म हो चुका है और अमेरिका को यह समझना होगा कि वह इन दोनों एशियाई दिग्गजों से 'सज़ा देने की भाषा' में बात नहीं कर सकता. उनका कहना है कि वॉशिंगटन की आर्थिक दबाव की नीति, भारत और चीन जैसी शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं की नेतृत्व क्षमता को कमजोर करने की कोशिश है.

SCO सम्मेलन के बाद अमेरिका पर बरसे पुतिन

बीजिंग में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन और सैन्य परेड के बाद मीडिया से बातचीत में पुतिन ने कहा कि 'भारत या चीन से इस तरह बात नहीं की जा सकती. औपनिवेशिक युग अब खत्म हो चुका है. उन्हें समझना होगा कि साझेदारों से बातचीत में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.'

पुतिन ने आरोप लगाया कि ट्रंप प्रशासन आर्थिक हथियार का इस्तेमाल कर भारत और चीन को नीचा दिखाने की रणनीति अपना रहा है.पुतिन ने बताया कि उन्होंने अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बैठक का ब्योरा प्रधानमंत्री मोदी को एक घंटे की कार यात्रा के दौरान साझा किया।

"कमज़ोरी दिखाई तो राजनीतिक करियर खत्म"

पुतिन ने कहा कि अमेरिका के दबाव की नीति को भारत और चीन हल्के में नहीं लेंगे क्योंकि दोनों देशों का औपनिवेशिक अतीत और संप्रभुता पर लंबे समय तक चले हमलों का इतिहास उनकी राजनीतिक प्रवृत्ति को प्रभावित करता है. जब कोई आपको यह कहता है कि वे आपको सज़ा देंगे, तो सोचना पड़ता है.इतने बड़े देशों की नेतृत्व व्यवस्था कैसी प्रतिक्रिया देगी? अगर उनमें से कोई भी कमज़ोरी दिखाता है, तो उसकी राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा.'

तनाव के बावजूद रिश्ते सामान्य होने की उम्मीद

रूसी राष्ट्रपति ने भरोसा जताया कि मौजूदा तनाव जल्द ही सामान्य राजनीतिक संवाद में बदल जाएगा. आखिरकार, सब कुछ सुलझ जाएगा, हर चीज़ अपनी जगह पर आ जाएगी और हम फिर से सामान्य राजनीतिक संवाद देखेंगे.पुतिन ने यह भी जानकारी दी कि रूस इस साल भारत को खाद की आपूर्ति बढ़ा रहा है और अगले वर्ष दोनों देशों के बीच आर्कटिक सहयोग को लेकर समझौता होगा.

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