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चीन में आज चलेगा मोदी का पावर शो! भारत-रुस-चीन...महाशक्तियों का होगा मिलन,इन मुद्दों पर होगी बातचीत; अमेरिका और पाक की बढ़ेगी बेचैनी

लगभग 7 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक ही मंच पर नजर आएंगे. इस मुलाकात में सीमा विवाद, व्यापारिक रिश्ते, ब्रिक्स और वैश्विक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बातचीत की संभावना है. दोनों नेताओं के आमने-सामने आने से अमेरिका और पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ सकती है, क्योंकि यह संवाद एशिया की भू-राजनीति और शक्ति संतुलन पर असर डालेगा.

चीन में आज चलेगा मोदी का पावर शो! भारत-रुस-चीन...महाशक्तियों का होगा मिलन,इन मुद्दों पर होगी बातचीत; अमेरिका और पाक की बढ़ेगी बेचैनी
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( Image Source:  Sora_ AI )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 31 Aug 2025 6:40 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम को तियानजिन, चीन पहुंचे. यह उनके चीन दौरे का पहला मौका है, पिछले सात वर्षों के बाद. इस यात्रा का उद्देश्य चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करना और सीमा विवाद जैसी संवेदनशील मुद्दों पर बातचीत करना है. यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जैसे कि भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा का पुनः संचालन और चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा की सुविधा.

प्रधानमंत्री मोदी ने तियानजिन पहुंचते ही X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, 'लैंडेड इन तियानजिन, चीन. SCO समिट में विचार-विमर्श और विभिन्न विश्व नेताओं से मिलने के लिए उत्सुक हूं.' पीएम मोदी की इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य सीमा सुरक्षा, व्यापार और रणनीतिक सहयोग को लेकर चीन के साथ गहरी समझ विकसित करना है.

चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय वार्ता

प्रधानमंत्री मोदी रविवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय बैठक करेंगे. यह बैठक पिछले पांच वर्षों की सैन्य तनाव के बाद संबंधों को सामान्य बनाने और भविष्य की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है. बैठक के दौरान भारत और चीन के बीच हवाई सेवा के पुनः संचालन और व्यापारिक सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है.

म्यांमार के नेतृत्व से मुलाकात

पहले दिन की महत्वपूर्ण घटनाओं में म्यांमार के कार्यकारी राष्ट्रपति और सैन्य प्रमुख मिन ऑंग ह्लाइंग से संभावित बैठक भी शामिल है. 2021 में म्यांमार में सेना के सत्ता में आने के बाद भारत का उच्च स्तरीय संपर्क सीमित रहा है. इस साल पहले पीएम मोदी ने थाईलैंड में BIMSTEC शिखर सम्मेलन के दौरान म्यांमार नेता से मुलाकात की थी. भारत के लिए, जो म्यांमार से 1600 किलोमीटर की सीमा साझा करता है, सीमा सुरक्षा और स्थानीय विद्रोह को नियंत्रित करने के लिए सेना नेतृत्व के साथ संवाद करना आवश्यक है.

व्यापार और आर्थिक सहयोग पर फोकस

प्रधानमंत्री मोदी चीन यात्रा के दौरान व्यापार और आर्थिक सहयोग को भी मुख्य एजेंडा बनाएंगे. मोदी का उद्देश्य निष्पक्ष व्यापारिक साझेदारी स्थापित करना और चीन से आवश्यक सामग्रियों जैसे दुर्लभ पृथ्वी तत्व, उर्वरक और उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करना है. हाल ही में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर को आश्वासन दिया कि कुछ वस्तुओं के निर्यात पर लगी पाबंदियां हटाई जाएंगी. पीएम मोदी संभावित रूप से हालिया पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे को भी उठाएंगे. यह मुद्दा दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग और साझा रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है.

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