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बलूचिस्तान पाकिस्तान का हिस्सा नहीं! 'ऑपरेशन बाम' ने खोली PAK सेना और ISI की नींद, BNM ने दी खुली चुनौती

बलूचिस्तान में BNM ने 'ऑपरेशन बाम' के ज़रिए पाकिस्तानी सेना और ISI के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. काजी दाद मोहम्मद रेहान ने कहा कि बलूचिस्तान कभी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं था और अब स्वतंत्रता से कम कुछ स्वीकार नहीं होगा. CPEC की लूट, सैन्य दमन और संसाधनों की चोरी के खिलाफ अब संघर्ष निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है.

बलूचिस्तान पाकिस्तान का हिस्सा नहीं! ऑपरेशन बाम ने खोली PAK सेना और ISI की नींद, BNM ने दी खुली चुनौती
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 14 July 2025 8:35 AM

बलूचिस्तान में आज़ादी की आग अब और तीव्र हो गई है. बलूच नेशनल मूवमेंट (BNM) ने 'ऑपरेशन बाम' की शुरुआत कर पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है. इस अभियान के तहत पंजगुर, सुरब, केच और खारन जिलों में कुल 17 हमले किए गए, जिनका मकसद पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI की पकड़ को कमजोर करना है.

बीएनएम के प्रवक्ता काजी दाद मोहम्मद रेहान ने साफ कहा कि बलूचिस्तान ऐतिहासिक रूप से पाकिस्तान का हिस्सा कभी नहीं था और अब न रहेगा. ANI को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि ऑपरेशन बाम बलूच प्रतिरोध आंदोलन का निर्णायक मोड़ है, जो पाकिस्तान की सैन्य मौजूदगी को चुनौती देने के लिए तैयार है.

क्या है ऑपरेशन बाम?

ऑपरेशन बाम बलूच नेशनल मूवमेंट (BNM) द्वारा शुरू किया गया एक सशस्त्र अभियान है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक उपस्थिति को बलूचिस्तान से खत्म करना है. "बाम" का अर्थ होता है "सुबह", जो इस आंदोलन के एक नए और निर्णायक चरण की शुरुआत को दर्शाता है. इस ऑपरेशन के तहत पंजगुर, सुराब, केच और खारन जैसे जिलों में एक साथ 17 हमले किए गए. बीएलएफ और बीएनएम का दावा है कि यह सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि बलूच जनता के आत्मनिर्णय और आज़ादी के संघर्ष का एक संगठित और रणनीतिक रूप है, जो पाकिस्तान के दमनकारी शासन को चुनौती देता है.

राजनीतिक और सैन्य रणनीति एक साथ

रेहान के मुताबिक यह सिर्फ एक सशस्त्र अभियान नहीं, बल्कि राजनीतिक बयान भी है. इससे दुनिया को यह संदेश जाता है कि बलूच राष्ट्र खुद पर शासन करने की योग्यता और संकल्प रखता है. बलूच अब किसी 'स्वायत्तता' की भीख नहीं मांगते, वे सम्पूर्ण स्वतंत्रता चाहते हैं.

संसाधनों की लूट और सीपेक का विरोध

रेहान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह गलियारा बलूच भूमि और संसाधनों की खुली लूट है, जिससे बलूचों को कुछ नहीं मिलता. अरबों डॉलर की परियोजनाएं पाकिस्तान को मिलती हैं, लेकिन बलूच आज भी गरीबी और उत्पीड़न में जीते हैं.

वैश्विक समुदाय से सीधी अपील

बलूच नेता ने दुनिया से आग्रह किया कि वह इस संघर्ष को एक 'आंतरिक मामला' मानकर नज़रअंदाज़ न करे. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन बाम महज शुरुआत है और बलूच जनता अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नैतिक और राजनीतिक समर्थन की हकदार है.

पाकिस्तानी संस्थानों को खुली चुनौती

रेहान ने कहा कि BNM पाकिस्तान की संसद का बहिष्कार करने वाली पहली पार्टी थी और आगे भी रहेगी. उनके मुताबिक पाकिस्तान का शासन बलूचों पर जबरन थोपा गया है, जिसे अब बलूच युवा कतई स्वीकार नहीं करेंगे. बलूचिस्तान की लड़ाई अब आर-पार की हो चली है – आज़ादी या शहादत के बीच का फ़ैसला.

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