BSP से OUT होने के बाद आकाश आनंद को क्यों मिलने लगे ऑफर पर ऑफर, क्या इस पार्टी में होंगे शामिल?
बसपा प्रमुख मायावती द्वारा अपने भतीजे आकाश आनंद को सभी प्रमुख पदों से हटाने के बाद, विभिन्न राजनीतिक दलों से उन्हें लगातार ऑफर मिल रहे हैं. सबसे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) ने उन्हें शामिल होने का न्योता दिया, जहां सपा नेताओं ने कहा कि अगर आकाश आनंद पार्टी में आते हैं तो उनका स्वागत होगा. इसके अलावा, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष रामदास आठवले ने भी उन्हें आमंत्रित किया, यह कहते हुए कि अगर वे अंबेडकरवादी विचारों को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो उन्हें यूपी में एक अहम पद दिया जाएगा, जिससे RPI और मजबूत होगी.

बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी प्रमुख पदों से हटाने के बाद उन्हें आंदोलन और पार्टी हितों से भी पूरी तरह अलग कर दिया है. इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है और आकाश आनंद को अन्य पार्टियों से लगातार ऑफर मिल रहे हैं तो आइए इस खबर में जानते हैं कि आकाश आनंद अब तक किस किस पार्टी से ऑफर मिल चुका है और क्यों मिल रहा है.
किस- किस पार्टी ने मिला आकाश आनंद को ऑफर?
BSP प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अलग - अलग राजनीतिक दलों से लगातार ऑफर मिल रहे हैं. सबसे -पहले समाजवादी पार्टी (सपा) ने उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश की. सपा नेताओं ने कहा कि अगर आकाश आनंद समाजवादी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं तो उनका स्वागत है, और हम इस बारे में अखिलेश यादव से चर्चा कर सकते हैं.
इसके अलावा, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) ने भी उन्हें अपने दल में शामिल होने का न्योता दिया है. RPI के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास आठवले ने इस प्रस्ताव पर कहा कि अगर आकाश आनंद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाने और पार्टी को मजबूत करने के लिए आते हैं, तो उन्हें उत्तर प्रदेश में एक महत्वपूर्ण पद दिया जाएगा. उनका मानना है कि आकाश आनंद के शामिल होने से RPI की स्थिति उत्तर प्रदेश में और अधिक मजबूत होगी.
आकाश आनंद को क्यों मिल रहे ऑफर पर ऑफर?
दलित वोट बैंक पर प्रभाव – आकाश आनंद, बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती के भतीजे हैं. उनके पास दलित समुदाय में एक मजबूत पहचान है, और विपक्षी दल उन्हें अपने साथ जोड़कर दलित वोट बैंक को साधना चाहते हैं. युवा नेतृत्व की संभावना – आकाश आनंद की राजनीति में सक्रियता ने उन्हें एक उभरते हुए दलित युवा नेता के रूप में स्थापित किया है। कई दल उन्हें अपने संगठन में शामिल कर युवा नेतृत्व को मजबूत करना चाहते हैं.
BSP में अंदरूनी बदलाव – मायावती द्वारा उन्हें पार्टी से बाहर किए जाने के बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि आकाश आनंद अलग राजनीतिक राह चुन सकते हैं। इससे अन्य पार्टियों को उन्हें अपने साथ जोड़ने का अवसर मिल रहा है. सपा और RPI का एजेंडा – समाजवादी पार्टी (सपा) और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) जैसे दल दलित और पिछड़े वर्ग के वोटों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. आकाश आनंद का कद इन पार्टियों को मजबूती दे सकता है.