राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन पर होगी 5 साल तक की जेल
राजस्थान में 7 दिसंबर 2025 से 'मृत शरीर सम्मान अधिनियम' पूरी तरह लागू हो गया है. इस कानून के तहत अब सड़क, चौराहा, अस्पताल गेट या किसी भी सार्वजनिक जगह पर शव रखकर प्रदर्शन करना गैर-कानूनी और दंडनीय अपराध माना जाएगा. सरकार ने इसे देश का पहला ऐसा कानून बताया है जो मृतक की गरिमा की रक्षा करते हुए सामाजिक अनुशासन बनाए रखने पर जोर देता है.
7 दिसंबर 2025 से राजस्थान में एक नया कानून पूरी तरह लागू हो गया है, जिसका नाम है 'मृत शरीर सम्मान अधिनियम'. इस कानून के आने के बाद अब सड़क पर या किसी सार्वजनिक जगह पर शव रखकर प्रदर्शन करना पूरी तरह गैर-कानूनी हो गया है. सरकार का कहना है कि राजस्थान ऐसा कानून लाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.
पहला नियम है सड़क या सार्वजनिक जगह पर शव रखकर प्रदर्शन करना अपराध है. अब कोई व्यक्ति अगर मुआवजे, सरकारी मदद या किसी और मांग को लेकर शव को सड़क, चौराहे, अस्पताल के गेट या किसी सार्वजनिक जगह पर रखकर प्रदर्शन करता है, तो उसे आपराधिक मामला मानकर सजा दी जाएगी. अगर प्रदर्शन करने वाले बाहर के लोग या भीड़ हैं 6 महीने से 5 साल तक की जेल हो सकती है. अगर मृतक के परिजन खुद ऐसा करते हैं उन्हें भी 2 साल तक की सजा हो सकती है.
अस्पताल को देना ही होगा शव
अस्पताल शव को बिल के नाम पर नहीं रोक सकेंगे. पहले कई बार प्राइवेट अस्पताल बकाया बिल नहीं चुकाने की वजह से शव को नहीं देते थे. अब ऐसा करना पूरी तरह प्रतिबंधित है. अस्पताल को शव तुरंत परिजनों को सौंपना होगा, चाहे बिल बाकी हो या नहीं. 24 घंटे में अंतिम संस्कार करना जरूरी. अगर किसी कारणवश परिजन शव का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं (जैसे पारिवारिक झगड़ा, कोर्ट केस या कोई और विवाद), तो कार्यपालक मजिस्ट्रेट एक नोटिस जारी करेंगे. नोटिस मिलने के 24 घंटे के अंदर अंतिम संस्कार करना अनिवार्य होगा. अगर परिजन फिर भी नहीं करते, तो पुलिस खुद शव को अपने कब्जे में लेगी और सरकारी खर्चे पर उसका सम्मानजनक अंतिम संस्कार करवाएगी.
सरकार क्यों लाई यह कानून?
सरकार का कहना है कि सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन करने से ट्रैफिक जाम होता है, कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा होती है और सबसे बड़ी बात मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति और गरिमा का हनन होता है. कई बार तो शव कई-कई दिन तक बिना संस्कार के पड़ा रहता है, जो सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से भी गलत है. इस कानून से मृतक का सम्मान बना रहेगा और समाज में अनुशासन भी रहेगा. राजस्थान सरकार ने यह साफ संदेश दे दिया है कि मृत व्यक्ति की गरिमा से बड़ा कोई प्रदर्शन या मांग नहीं हो सकती. अब शव को हथियार बनाकर कोई दबाव नहीं बना सकेगा और हर मृतक को समय पर सम्मानजनक विदाई मिलेगी.





