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फिर शुरू होगी कैलाश-मानसरोवर यात्रा! भारत और चीन के बीच हो सकती है बातचीत

विदेश मंत्रालय ने बुधवार को संकेत दिया है कि हिंदुओं और अन्य धर्मों के महत्वपूर्ण तीर्थस्थल कैलाश मानसरोवर यात्रा को भारत और चीन के बीच चल रहे विश्वास-निर्माण उपायों में शामिल किया जा सकता है. यह तिब्बती पठार से होकर गुजरती है. हिंदु धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म में सबसे पवित्र यात्राओं में से एक मानी जाती है.

फिर शुरू होगी कैलाश-मानसरोवर यात्रा! भारत और चीन के बीच हो सकती है बातचीत
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( Image Source:  @MJ_007Club )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 24 Oct 2024 10:07 AM IST

Kailash-Mansarovar Yatra: भारत और चीन के बीच LAC को लेकर संघर्ष चल रहा है. दोनों के बीच रिश्ते काफी नाजुक है. इस बीच खबर सामने आई है कि कैलाश-मानसरोवर यात्रा के मुद्दे पर भारत-चीन बातचीत कर सकते हैं.

विदेश मंत्रालय ने बुधवार को संकेत दिया है कि हिंदुओं और अन्य धर्मों के महत्वपूर्ण तीर्थस्थल कैलाश मानसरोवर यात्रा को भारत और चीन के बीच चल रहे विश्वास-निर्माण उपायों में शामिल किया जा सकता है. क्योंकि दोनों ही देश अपने द्विपक्षीय संबंध को मजबूत करना चाहते हैं.

विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी

16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री किया. उन्होंने कहा कि "आज पीएम मोदी-जिनपिंग के बीच मुलाकात की. उन्होंने कहा कि अधिकारिक और अन्य द्विपक्षीय तंत्रों को सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं. कैलाश-मानसरोवर यात्रा को लेकर कहा कि मुझे यकीन है कि यह उन मुद्दों में से एक होगा जो नेताओं के बीच होने वाली चर्चाओं के एजेंडे में शामिल होंगे."

क्यों महत्वपूर्ण है कैलाश-मानसरोवर यात्रा

कैलाश-मानसरोवर यात्रा हिंदुओं और अन्य धर्मों के लोगों के लिए बहुत खास है. यह तिब्बती पठार से होकर गुजरती है. हिंदु धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म में सबसे पवित्र यात्राओं में से एक मानी जाती है. यह कैलाश पर्वत के से सटी है, जिसे भगवान शिव का निवास माना जाता है. कैलाश पर्वत चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित है.

यात्रा के अन्य मार्ग

कैलाश मानसरोवर यात्रा करने के लिए आप चीन के अलावा अन्य मार्गों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इनमें नेपाल में काठमांडू, नेपाल में सिमिकोट और तिब्बत में ल्हासा शामिल हैं. वहीं भारत के लोगों के पास यहां पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं. एक लिपुलेख दर्रे (उत्तराखंड) से होकर जाने वाला मार्ग और दूसरा नाथू ला दर्रे (सिक्किम) से होकर जाने वाला मार्ग है.श्रद्धालु यात्रा पर जाकर झीलों की परिक्रमा करते हैं, जो एक चुनौतीपूर्ण काम है. मान्यता है कि यह मनुष्य के पापों को धो देता है और सौभाग्य लाता है. साथ ही झील के क्रिस्टल-क्लियर पानी में पवित्र डुबकी लगाना भी है. माना जाता है कि ऐसा करने से रोगों को दूर करने में मदद मिलती है.

पीएम मोदी और शी-जिनपिंग की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूस दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों ने संचार और सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया. साथ ही कहा कि मतभेदों और असहमतियों को ठीक से मैनेज करना चाहिए. बता दें कि साल 2019 के बाद यह नेताओं के बीच पहली द्विपक्षीय मीटिंग है.

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