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वायु प्रदूषण बच्चों की सेहत पर भारी, इलाज तक करना पड़ता है रोकना: डॉक्टर नीता राधाकृष्णन
नोएडा में वायु प्रदूषण के बच्चों की सेहत पर पड़ रहे असर को लेकर डॉ. नीता राधाकृष्णन, जो PGICH के पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी-ऑन्कोलॉजी विभाग की प्रमुख हैं, ने गंभीर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि जैसे ही एयर क्वालिटी गिरती है, बच्चों में सांस से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ जाती हैं. खांसी, जुकाम और सांस लेने में दिक्कत के मामलों में स्पष्ट इजाफा देखने को मिलता है.
डॉ. राधाकृष्णन ने बताया कि प्रदूषण के कारण कई बार बच्चों का नियमित इलाज रोकना पड़ता है. कीमोथेरेपी जैसे अहम इलाज कुछ दिनों के लिए टालने पड़ते हैं, जिससे इलाज के कुल परिणामों पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा खराब हवा और मौसम की वजह से बच्चों में संक्रमण, खासकर फेफड़ों के संक्रमण, बढ़ जाते हैं, जिससे ब्लड काउंट गिरता है और इलाज फिर से रोकना पड़ता है. उन्होंने कहा कि हर साल ये दो बड़ी समस्याएं सामने आती हैं और लंबे समय तक खराब हवा के संपर्क में रहने के क्या असर होंगे, इसे लेकर अभी पूरी समझ विकसित नहीं हो पाई है.

