बिहार विधानसभा चुनाव 2025 ने राज्य की पूरी राजनीति का मानचित्र बदल दिया. महीनों की रणनीति और बड़े-बड़े दावों के बावजूद महागठबंधन पूरी तरह मात खा गया, जबकि एनडीए ने रिकॉर्ड तोड़, एकतरफ़ा जीत हासिल की. वोटरों ने इस बार शोर-शराबा या भावनात्मक नारों के बजाय उस नेतृत्व को चुना, जिसने उन्हें स्थिरता, योजनाओं का भरोसा और ज़मीनी स्तर पर काम का वास्तविक असर दिखाया. इस प्रचंड जीत का केंद्र रहा नीतीश कुमार का ‘मॉडल ऑफ़ गवर्नेंस’. महिला रोजगार योजनाएँ, पेंशन में बढ़ोतरी, लाड़ी–लक्ष्मी जैसे प्रभावी सामाजिक कार्यक्रम, ईबीसी–महादलित समुदायों पर मजबूत पकड़, बूथ स्तर पर महीनों चलाया गया सूक्ष्म प्रबंधन—इन सभी ने मिलकर एनडीए के पक्ष में लहर खड़ी कर दी.