मौलाना महमूद मदनी के हालिया बयानों को लेकर विवाद लगातार बढ़ रहा है. भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान मदनी ने दावा किया था कि अदालतें सरकारी दबाव में काम कर रही हैं और 'जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा' जैसे बयान भी दिए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ राजनीतिक और सामाजिक विरोध तेज हो गया. अब एक इंटरव्यू में मदनी ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया. उन्होंने कहा कि वे किसी अदालत को गलत नहीं कह रहे, बल्कि अपने समुदाय की भावनाओं को सामने रखना उनका दायित्व है. मदनी ने कहा कि संविधान बहुसंख्यकवाद के खिलाफ है और उनकी बात इसी संदर्भ में कही गई थी.