गुजरात के छोटा उदयपुर जिले के रहने वाले गणेश बरैया आज उन लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो मुश्किल परिस्थितियों में भी अपने सपनों को नहीं छोड़ते. सिर्फ 3 फीट की लंबाई और 20 किलो वजन के साथ जन्मे गणेश शुरुआत से ही दुर्लभ मेडिकल कंडीशन से जूझते रहे, लेकिन हालात ने चाहे जितनी चुनौती दी हो, गणेश ने अपने इरादों को कभी कमजोर नहीं होने दिया. गणेश ने बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखा था. उनका लक्ष्य साफ था, “मैं उन मासूम बच्चों की मदद करना चाहता हूं, जो मेरी तरह बीमारी और अभाव से लड़ रहे हैं.” लेकिन MBBS की राह उनके लिए आसान नहीं थी. कद की वजह से कॉलेजों ने उन्हें एडमिशन देने से मना कर दिया. मेडिकल काउंसिल की गाइडलाइंस का हवाला देकर कहा गया कि वे मेडिकल प्रैक्टिस के अनुकूल नहीं हैं, लेकिन गणेश ने हार नहीं मानी. MBBS प्रवेश के लिए लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि कद किसी की बुद्धि, क्षमता और सेवा की भावना को कम नहीं कर सकता. इसके बाद गणेश को MBBS में दाखिला मिला और उन्होंने पूरी मेहनत के साथ पढ़ाई पूरी की. MBBS पूरा करने के बाद गणेश को सरकारी मेडिकल ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया गया. वे आज अपनी टीम के साथ रोजाना कई मरीजों का इलाज करते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. गणेश का मेडिकल करियर सिर्फ उनकी जीत नहीं है- यह उन सभी बच्चों की आशा भी है जो शारीरिक सीमाओं के बावजूद बड़े सपनों पर विश्वास रखते हैं. गणेश अब ऐसे बच्चों और परिवारों की मदद में लगे हैं जो स्वास्थ्य समस्याओं और गरीबी के कारण संघर्ष कर रहे हों.