25 साल बाद हमला लेकिन परिवार वही... कहानी कांग्रेस की सरकार में दिल्ली ब्लास्ट की- Video

Red Fort Blast Investigation 2025 | India | Pakistan | Red Fort Investigation | Indian Security

10 नवंबर 2025 की शाम… लाल किले की रेड लाइट पर हुआ कार बम ब्लास्ट सिर्फ़ एक धमाका नहीं था, बल्कि 25 साल पुरानी डरावनी याद को फिर से जगा गया. 22 दिसंबर 2000—ठीक 25 साल पहले—लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने रात के अंधेरे में लाल किले के अंदर घुसकर तीन भारतीय जवानों को इतनी नज़दीक से गोलियों से छलनी कर दिया था कि पूरा देश दहल उठा था. 25 साल बाद, इतिहास एक अजीब संयोग के साथ खुद को दोहराता दिख रहा है. इस बार मैदान में उनके ही बेटे इंस्पेक्टर रोहित संड उतरे हैं—ठीक उस जिले की स्पेशल टीम में तैनात, जहां लाल किले के पास यह बम ब्लास्ट अंजाम दिया गया. पिता की तरह बेटे ने भी इस हमले के षड्यंत्रकारियों को पकड़ने की ठान ली है और जांच का पूरा नेतृत्व अपने हाथ में ले लिया है. 12 नवंबर 2025 को स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (क्राइम-इनवेस्टिगेशन) संजीव चौहान ने रिटायर्ड इंस्पेक्टर सुरेंद्र संड से एक्सक्लूसिव बातचीत की, जिसमें उन्होंने 25 साल पुराने लाल किला हमले की यादें, आज का खतरा और अपने बेटे की भूमिका पर बड़ा खुलासा किया.


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