जोधा- अकबर की शादी वाली कहानी फर्जी! क्या कहता है इतिहास, राजस्थान के गवर्नर के दावे में कितनी सच्चाई?

राजस्थान के राज्यपाल हरीभाऊ बागड़े ने उदयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अकबर और जोधा की शादी का इतिहास झूठा है, और यह ब्रिटिश इतिहासकारों की बनाई हुई कहानी है. उन्होंने दावा किया कि अकबरनामा (अकबर की आधिकारिक जीवनी) में 'जोधा बाई' नाम का कोई उल्लेख नहीं है और यह सिर्फ फिल्मों और काल्पनिक लेखन का हिस्सा है.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 30 May 2025 3:38 PM IST

Jodha Akbar History: राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने हाल ही में उदयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान जोधा बाई और अकबर की शादी को 'इतिहास को झूठा' बताया. उनका दावा है कि ब्रिटिश इतिहासकारों ने भारत के गौरवशाली अतीत को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और अकबर-जोधा की शादी का कोई प्रमाण अकबरनामा जैसे ऐतिहासिक दस्तावेजों में नहीं मिलता. अब आइए इस मामले में जानते हैं कि राजस्थान के गवर्नर के दावों में कितनी हकीकत?

इतिहासकारों के बीच यह बड़ा विवादित मुद्दा है कि 'जोधा बाई' नाम से जानी जाने वाली कोई राजकुमारी वास्तव में अकबर की पत्नी थी या नहीं. अकबरनामा (अबुल फज़ल द्वारा लिखित) और आइन-ए-अकबरी जैसे समकालीन मुगल स्रोतों में "जोधा बाई" का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है. अकबर की एक राजपूत पत्नी का ज़िक्र जरूर मिलता है, जो आमेर (आधुनिक जयपुर) के राजा भारमल की बेटी थीं. इनका वास्तविक नाम क्या था.

इस पर मतभेद हैं- कहीं उन्हें 'हीरा कुंवर', कहीं 'राजकुमारी हरखा बाई', और लोकप्रिय धारा में 'जोधा बाई' कहा गया है. "जोधा" नाम सबसे पहले 18वीं-19वीं सदी के बाद के कुछ लेखन में सामने आता है, और बाद में इसे लोककथाओं और फिल्मों ने और पुख्ता कर दिया (जैसे कि फिल्म जोधा अकबर, 2008).

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे का दावा क्या कहता है?

राज्यपाल का कहना है कि “अकबर और जोधा की शादी नहीं हुई थी. यह कहानी अंग्रेजों ने बनाई. राजा भारमल ने एक दासी की बेटी की शादी अकबर से की थी, न कि अपनी राजकुमारी की. यह बयान इतिहास की मुख्यधारा की जानकारी से मेल नहीं खाता.

ब्रिटिश इतिहासकारों ने ज़रूर मुगलों के इतिहास को अपने तरीके से लिखा, लेकिन अकबर और आमेर की राजकुमारी की शादी का उल्लेख कई भारतीय और फारसी स्रोतों में भी मिलता है.

  • दासी की बेटी वाला दावा बहुत सीमित और प्रमाणहीन है. इसे स्थापित करने वाला कोई ऐतिहासिक दस्तावेज सामने नहीं आया है.
  • राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे का दावा- 'अकबर और जोधा की शादी झूठी कहानी, इतिहास में फैलाई गई गलत जानकारी'
  • 'अकबरनामा' जो कि अकबर के दरबारी इतिहासकार अबुल फज़ल द्वारा लिखित तीन-भागों की बायोग्राफी है, उसमें 'जोधा बाई' नाम से किसी महिला का उल्लेख नहीं मिलता.

क्या कहता है अकबरनामा?

अकबरनामा में बताया गया है कि अकबर ने राजा भारमल की बेटी से 1562 में विवाह किया था, जो आमेर (अब जयपुर) के शासक थे. इस विवाह के बाद अकबर ने आमेर को एक रजवाड़ा के रूप में मान्यता दी और भारमल के बेटे भगवानदास और पौत्र मानसिंह को अपने दरबार में ऊंचे पद दिए. लेकिन उस राजपूत राजकुमारी का नाम नहीं लिखा गया है - ना 'जोधा' ना कोई अन्य स्पष्ट नाम.

'जोधा बाई' नाम का ऐतिहासिक अस्तित्व

इतिहास में "जोधा बाई" नाम पहली बार 18वीं–19वीं शताब्दी में कुछ यूरोपीय और स्थानीय लेखकों की कृतियों में दिखाई देता है. जहांगीर की पत्नी -जो अकबर की बहू थीं- उन्हें भी कुछ स्रोतों में जोधा कहा गया है, जिससे भ्रम और बढ़ गया. अकबरनामा के अनुसार अकबर ने आमेर की राजकुमारी से शादी की थी. परंतु “जोधा बाई” नाम का कोई उल्लेख नहीं है.

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