कामयाबी की सीढ़ी चढ़ते ही पत्नी की बेवफाई, 15 लाख का कर्जा लेकर पति ने दिलवाई थी रेलवे में नौकरी
दिल्ली पुलिस कांस्टेबल लक्ष्मी मीना और रेलवे की महिला कांस्टेबल आशा मीना के अलावा अज्ञात रेलवे अधिकारियों का नाम भी शामिल है. प्रारंभिक जांच के अनुसार, आशा अकेली उम्मीदवार नहीं है जिसने फर्जी उम्मीदवारों का इस्तेमाल कर नौकरी हासिल की हो, जिससे यह संकेत मिलता है कि भर्ती में बड़ा घोटाला हुआ है.;
जयपुर के एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी के लिए अवैध तरीके से सरकारी नौकरी हासिल करने का प्रयास रेलवे में एक बड़े भर्ती घोटाले का पर्दाफाश किया है. पति का दावा है कि उसकी पत्नी ने उसे रेलवे में नौकरी लगते है छोड़ दिया जिसे उसने पढ़ाया लिखाया था. कोटा निवासी मनीष मीना ने करीब आठ महीने पहले रेलवे अधिकारियों से संपर्क किया था और आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी आशा मीना ने एक डमी कैंडिडेट का इस्तेमाल करके रेलवे में नौकरी हासिल की है - किसी ऐसे व्यक्ति ने जो उनकी ओर से परीक्षा दी थी. मनीष ने दावा किया कि उसने एक एजेंट के माध्यम से डमी का इंतजाम किया था, जिसकी पहचान उसने रेलवे गार्ड राजेंद्र के रूप में की थी, साथ ही उसने 15 लाख रुपये में यह रकम जुटाई थी. यह रकम उसने अपना खेत गिरवी रखकर जुटाई थी.
पति का अपनी पत्नी आशा के खिलाफ दावा है कि नौकरी मिलने के पांच महीने बाद ही आशा ने उसे छोड़ दिया, कथित तौर पर उसे "बेरोजगार" कहकर उसके साथ रहने से इनकार कर दिया. व्यक्तिगत और आर्थिक रूप से धोखा महसूस करते हुए मनीष ने अपनी शिकायतें अधिकारियों के सामने रखीं. मनीष की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए, पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) के सतर्कता विभाग ने एक जांच शुरू की, जिसके परिणामस्वरूप पिछले शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मामला दर्ज किया.
ये भी पढ़ें :राजस्थान में सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए मिल रही फ्री कोचिंग, 10 फरवरी तक करें अप्लाई
भर्ती में बड़ा घोटाला
एफआईआर में दिल्ली पुलिस कांस्टेबल लक्ष्मी मीना और रेलवे की महिला कांस्टेबल आशा मीना के अलावा अज्ञात रेलवे अधिकारियों का नाम भी शामिल है. प्रारंभिक जांच के अनुसार, आशा अकेली उम्मीदवार नहीं है जिसने फर्जी उम्मीदवारों का इस्तेमाल कर नौकरी हासिल की हो, जिससे यह संकेत मिलता है कि भर्ती में बड़ा घोटाला हुआ है. मनीष ने शनिवार को टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'पिछले आठ महीनों में मैंने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), रेलवे अधिकारियों और यहां तक कि रेल मंत्रालय से भी संपर्क किया, 'मुझे हाल ही में बताया गया कि मेरी पत्नी आशा मीना और रेलवे गार्ड राजेंद्र को सस्पेंड कर दिया गया है, लेकिन जबलपुर में इस रैकेट को चलाने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.' सीबीआई लक्ष्मी मीना की भूमिका की भी जांच कर रही है, जिस पर रेलवे परीक्षाओं में उम्मीदवारों की नकल करने का आरोप है.
क्या है मामला
मनीष की शिकायत के अनुसार, लक्ष्मी ने आशा और एक अन्य उम्मीदवार सपना मीना के लिए दो अलग-अलग परीक्षाओं में डमी के रूप में भाग लिया, उनकी परीक्षाएं लीं और फिजिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रोसेस भी पूरी कीं. लक्ष्मी की मदद से आशा पॉइंटवुमन बन गई, जबकि सपना को WCR में हेल्पर की नौकरी मिल गई. लक्ष्मी खुद कुछ महीने पहले ही दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुई थी. मनीष ने कहा, 'आखिरी बार मैंने सुना था कि वह ड्यूटी पर आ गई है. रिकॉर्ड बताते हैं कि अलवर जिले के चंदूपुरा गांव की रहने वाली लक्ष्मी 30 अगस्त, 2022 को क्षेत्रीय रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरआरबी) द्वारा आयोजित ग्रेड-4 परीक्षा में आशा मीना की जगह बैठी थी. अधिकारियों को अब संदेह है कि यह रेलवे अधिकारियों और बिचौलियों के बीच मिलीभगत से जुड़े व्यापक भर्ती घोटाले का सिर्फ़ एक उदाहरण हो सकता है. जबकि कुछ निचले स्तर के कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है, मनीष जोर देकर कहते हैं कि जबलपुर में वरिष्ठ अधिकारी - जिन्होंने कथित तौर पर रैकेट की सुविधा दी थी - अब तक जवाबदेही से बच रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि सीबीआई इस मामले में और एफआईआर दर्ज करेगी.