डेरा अनुयायी इस पार्टी को दें वोट! राम रहीम की पैरोल से कांग्रेस को फायदा, चुनावी नतीजों पर बड़ा खुलासा
चुनाव से पहले डेरा सच्चा सौदा के चीफ गुरमीत राम रहीम को 20 दिनों की पैरोल मिली थी. राम रहीम की पैरोल को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को जमकर घेरा था. कांग्रेस का कहना था कि वोट बैंक को बढ़ाने के लिए उसे पैरोल दी गई है लेकिन चुनाव के नतीजे बताते हैं कि इससे बीजेपी को नहीं बल्कि कांग्रेस को ही सबसे ज्यादा फायदा हुआ है.;
Haryana Election Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव की 90 सीटों के नतीजे सोमवार को सामने आ गए हैं. राज्य में भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली है. बीजेपी ने 48 सीटों पर फतह हासिल की है. चुनाव से पहले डेरा सच्चा सौदा के चीफ गुरमीत राम रहीम को 20 दिनों की पैरोल मिली थी.
राम रहीम की पैरोल को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को जमकर घेरा था. कांग्रेस का कहना था कि वोट बैंक को बढ़ाने के लिए उसे पैरोल दी गई है लेकिन चुनाव के नतीजे बताते हैं कि इससे बीजेपी को नहीं बल्कि कांग्रेस को ही सबसे ज्यादा फायदा हुआ है.
डेरा प्रभावित क्षेत्र का हाल
हरियाणा की 28 विधानसभा सीटों पर राम रहीम का काफी प्रभाव माना जाता है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 15 सीटों पर जीत मिली है. वहीं बीजेपी के पाले में 10 सीटें आईं हैं. दो सीटें आईएमएलडी और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती है. राम रहीम की पैरोल के बाद कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगा रही थी कि वो डेरा प्रमुख के समर्थकों को अपनी ओर खींचना चाहती है लेकिन रिजल्ट देखकर साफ हो गया. इससे कांग्रेस को ही फायदा हुआ है. इन क्षेत्रों में कांग्रेस 53.57 फीसदी, बीजेपी 35.71 फीसदी, आईएनएलडी का 7 फीसदी और निर्दलीयों का 3.57 फीसदी स्ट्राइक रेट रहे है.
चतुराई से की वोट की अपील
सूत्रों के अनुसार डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख ने 3 अक्टूबर को सिरसा में डेरा पदाधिकारियों को भाजपा को वोट देने का निर्देश दिया था. सत्संग के दौरान इस संदेश को बड़ी चतुराई से दिया गया, जिसमें प्रत्येक अनुायायी से बूथ पर कम से कम पांच मतदाताओं को लाने के लिए कहा गया था. जानकारी के अनुसार राम रहीम इस सत्संग में वर्चुअली शामिल हुए थे. क्योंकि चुनाव आयोग ने उस पर ऑनलाइन प्रतार या सत्संग आयोजित करने पक प्रतिबंध लगाया था.
राम रहीम का प्रभाव
राम रहीम रेप और हत्या के मामले में जेल की सजा काट रहा है. लेकिन उसे चुनाव से पहले अक्सर पैरोल पर आते देखा जा सकता है. वह एक धार्मिक संप्रदाय से जुड़े हैं लेकिन राजनीति में रहीम का काफी प्रभाव देखने को मिलता है. डेरा सच्चा के प्रमुख से उच्च जाति के अनुयायियों के अलावा कई निम्न जाति के अनुयायी भी जुड़े हुए हैं. इनमें मजहबी सिख भी शामिल हैं. आपको बता दें कि बीते कुछ सालों में डेरा ने चुनाव के आधार पर शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों का समर्थन किया है.