Shravan Purnima 2025: इस पूर्णिमा पर ये उपाय बदलेंगे आपकी किस्मत, मिलेगा मनचाहा फल
श्रावण पूर्णिमा हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण माह की अंतिम तिथि यानी पूर्णिमा को कहा जाता है. यह तिथि धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से बहुत खास मानी जाती है. इस दिन कई प्रमुख पर्व और परंपराएं मनाई जाती हैं, जो भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग रूपों में मनाई जाती हैं.;
इस वर्ष श्रावण पूर्णिमा दो दिन 8 और 9 अगस्त को रहेगी. 8 अगस्त 2025 को दोपहर 01 बजकर 35 मिनट पर सावन पूर्णिमा तिथि लग जाएगी. जो अगले दिन 09 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 20 मिनट तक रहेगी. हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. 09 अगस्त को सूर्योदय पर पूर्णिमा तिथि होगी जिसके चलते रक्षाबंधन का त्योहार 09 अगस्त को मनाया जाएगा. श्रावण पूर्णिमा तिथि पर दान, स्नान और पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व होता है. इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा, जिसके चलते सुबह से ही राखी बांधी जा सकती है.
इस बार रक्षाबंधन शनिवार को है, इसी दिन श्रवण नक्षत्र भी रहेगा. श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को श्रावणी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यदि श्रावण पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष उपाय किया जाय तो देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं श्रावण पूर्णिमा पर कौन-कौन से उपाय करें.
श्रावणी पूर्णिमा पर उपाय
- श्रावणी पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करें. इसके बाद बिल्वपत्र, सफेद पुष्प और धतूरा अर्पित करें. यह उपाय भगवान शिव की कृपा दिलाता है और समस्त बाधाओं को दूर करता है.
- श्रावण पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है ऐसे में इस दिन भाई की कलाई पर राखी बांधने से पहले भाई को रोली और अक्षत से तिलक करें और भगवान विष्णु का ध्यान करके उसकी लंबी उम्र, सुख और सुरक्षा की प्रार्थना करें.
- श्रावण पूर्णिमा की शाम को घर के मंदिर या पूजा स्थल में देसी घी का दीपक जलाएं और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जप करें. इसे घर में सकारात्मकता और सुख-शांति लाता है.
- श्रावणी पूर्णिमा पर जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र, तिल, घी, गुड़, और दक्षिणा का दान करें. ऐसा करने से पितृ दोष कम होता है, और पुण्य की प्राप्ति के साथ देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी मिलता है.
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में पीले पुष्प, तुलसी दल, चंदन और पीले वस्त्रों का उपयोग करें. “ॐ विष्णवे नमः” मंत्र का जप करें और श्रीहरि को खीर या गुड़ से बनी मिठाई अर्पित करें.
- घर में पूजन स्थल पर सफेद कपड़े पर चावल से भरा हुआ तांबे या चांदी का कलश रखें. उस पर लक्ष्मी जी की प्रतिमा रखें और “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जप करें. इससे धन-संपत्ति और वैभव में वृद्धि होती है.
- श्रावणी पूर्णिमा पर गंगा, यमुना, नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है. यदि नदी में स्नान संभव न हो तो गंगाजल के छीटें लगा लें. यह आत्मिक शुद्धि, पापों के नाश और मानसिक शांति प्रदान करता है.