पैसा लगाकर Online Game खेलने वालों के लिए अलर्ट कर देने वाली खबर! सदन में पेश होगा बिल, डिटेल में पढ़ें
देश में तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ऑनलाइन गेमिंग बिल को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य डिजिटल गेमिंग उद्योग को विनियमित करना और ऑनलाइन सट्टेबाजी पर रोक लगाना है. सरकार का कहना है कि यह बिल लागू होने के बाद सभी पैसों से जुड़े गेमिंग ट्रांजैक्शन पूरी तरह बंद कर दिए जाएंगे.;
देश में तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ऑनलाइन गेमिंग बिल को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य डिजिटल गेमिंग उद्योग को विनियमित करना और ऑनलाइन सट्टेबाजी पर रोक लगाना है. सरकार का कहना है कि यह बिल लागू होने के बाद सभी पैसों से जुड़े गेमिंग ट्रांजैक्शन पूरी तरह बंद कर दिए जाएंगे.
सूत्रों के अनुसार, इस विधेयक को बुधवार को लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है. यह कदम न केवल वित्तीय धोखाधड़ी पर रोक लगाएगा, बल्कि युवाओं और नाबालिगों में बढ़ती ऑनलाइन गेमिंग लत को भी नियंत्रित करेगा.
बिल में क्या-क्या है प्रस्तावित
- नए Regulation & Promotion of Online Gaming Act के तहत-
- बैंक और वित्तीय संस्थान किसी भी रीयल-मनी गेमिंग ट्रांजैक्शन को प्रोसेस नहीं कर पाएंगे.
- वास्तविक पैसों वाले गेम्स के विज्ञापन पर पूरी तरह पाबंदी होगी.
- ई-स्पोर्ट्स और गैर-आर्थिक स्किल-बेस्ड गेम्स को बढ़ावा दिया जाएगा.
- अवैध या अपंजीकृत गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी कार्रवाई होगी.
कर और दंड संबंधी नियम
- अक्टूबर 2023 से ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी लागू है.
- वित्तीय वर्ष 2025 से ऑनलाइन गेम्स की जीत पर 30% टैक्स देना अनिवार्य है.
- दिसंबर 2023 में लागू भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) के तहत, बिना अनुमति के बेटिंग या जुआ सात साल तक की जेल और भारी जुर्माने का कारण बन सकता है.
राज्यों और केंद्र का रुख
हालांकि “बेटिंग और गैंबलिंग” राज्य सूची के अंतर्गत आता है, लेकिन केंद्र सरकार पहले ही 2022 से फरवरी 2025 के बीच 1,400 से अधिक वेबसाइट्स और ऐप्स को ब्लॉक कर चुकी है. शिक्षा मंत्रालय ने अभिभावकों और शिक्षकों को एडवाइजरी जारी कर नाबालिगों में बढ़ते गेमिंग एडिक्शन पर चिंता जताई है. वहीं, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ब्रॉडकास्टर्स को डिस्क्लेमर चलाने का निर्देश दिया है.
केंद्रीय नियामक होगा जिम्मेदार
इस बिल के जरिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर का नोडल रेगुलेटर बनाया जाएगा।. मंत्रालय को किसी भी अवैध या अपंजीकृत वेबसाइट को तुरंत ब्लॉक करने का अधिकार होगा. सरकार का मानना है कि पूरे देश के लिए एक समान नियम बनाकर न केवल धोखाधड़ी और लत पर लगाम लगेगी, बल्कि राज्यों में फैली कानूनी जटिलताएं भी खत्म होंगी.