RBI का बड़ा फैसला: रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती, अब ब्याज दर 5.25%; आपकी EMI का बोझ होगा कम

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने आर्थिक विकास को गति देने के लिए रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 5.25% कर दिया है. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सस्ते होंगे और आम उपभोक्ताओं पर EMI का बोझ कम होगा. महंगाई के नियंत्रण में रहने और ग्रोथ को सपोर्ट देने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है. इस कदम से रियल एस्टेट, ऑटो और MSME सेक्टर को भी बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 5 Dec 2025 10:23 AM IST

RBI Repo rate reduced: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई पर काबू और आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट (0.25%) की कटौती की है. इस कटौती के बाद अब रेपो रेट 5.50% से घटकर 5.25% हो गया है. यह फैसला मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद लिया गया, जिसकी अध्यक्षता RBI गवर्नर ने की.

रेपो रेट में कटौती का सीधा फायदा होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों को मिलेगा. बैंकों के लिए RBI से कर्ज लेना अब सस्ता हो जाएगा, जिससे उम्मीद है कि बैंक भी अपनी लेंडिंग रेट घटाएंगे. इससे आम आदमी की EMI कम होगी और बाजार में मांग बढ़ेगी.

क्यों लिया गया कटौती का फैसला?

RBI ने अपने बयान में कहा कि महंगाई दर नियंत्रण में है और घरेलू आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के संकेत मिल रहे हैं. ऐसे में आर्थिक ग्रोथ को सपोर्ट देने के लिए ब्याज दरों में नरमी जरूरी थी. खाद्य पदार्थों की कीमतों में स्थिरता और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं को भी इस फैसले का बड़ा कारण माना जा रहा है.

उद्योग जगत में खुशी

रेपो रेट में कटौती के बाद रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, MSME और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बड़ा राहत पैकेज माना जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे निवेश बढ़ेगा, मांग सुधरेगी और रोजगार के नए अवसर बनेंगे.

शेयर बाजार पर भी असर

रेपो रेट कटौती के बाद शेयर बाजार में सकारात्मक माहौल देखा गया. बैंकिंग, रियल्टी और ऑटो सेक्टर के शेयरों में तेजी दर्ज की गई, क्योंकि निवेशकों को उम्मीद है कि सस्ता कर्ज अर्थव्यवस्था को गति देगा.

महंगाई और ग्रोथ पर RBI का नजरिया

RBI ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में भी अगर महंगाई काबू में रहती है तो नीति में और नरमी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, वैश्विक बाजारों की अनिश्चितता और कच्चे तेल की कीमतों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।

आम जनता को क्या बदलाव दिखेगा?

  • होम लोन सस्ता होगा
  • कार और पर्सनल लोन की EMI घटेगी
  • व्यापारियों को सस्ता कर्ज मिलेगा
  • बाजार में खरीदारी और निवेश बढ़ेगा

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