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'सब संगीत में डूबे थे… अचानक चीखें गूंज उठी' गोवा नाइटक्लब के डांस फ्लोर पर लगी आग ने सब कुछ निगल लिया, जानें कैसा था मंजर

गोवा के एक खचाखच भरे नाइटक्लब में बीती रात उस समय आग लग गई जब किचन बंद था. डांस फ्लोर पर लोग मस्ती में डूबे थे. कुछ ही मिनटों में खुशी की रात चीख-पुकार में बदल गई. फिर जो हुआ, उसे सुनकर और वीडियो देखकर लोग अब भी सिहर उठते हैं. जानें उस दर्दनाक हादसे की पूरी कहानी.

सब संगीत में डूबे थे… अचानक चीखें गूंज उठी गोवा नाइटक्लब के डांस फ्लोर पर लगी आग ने सब कुछ निगल लिया, जानें कैसा था मंजर
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यह बात 7 दिसंबर की आधी रात की है. जैसा कि सभी जानते हैं, गोवा में बीती रात रौशनी और संगीत से भरी थी. नाइटक्लब का किचन बंद हो चुका था और डांस फ्लोर पर लोग अपने पलों को जी रहे थे, लेकिन अचानक उठी एक आग की लपट ने रात को मातम में बदल दिया. कुछ ही सेकंड में धुआं, चीखें और भगदड़ ने पूरे क्लब को मौत के गर्त में धकेल दिया. यह अग्निकांड सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि दर्जनों परिवारों की बिखरी दुनिया की दर्दनाक कहानी बन गया. जानें बीती रात नाइट क्लब में क्या क्या हुआ, कैसे जिंदगी भीषण आग की चपेट में आने से दर्दनाक कहानी में तब्दील हो गई.

बताया जा रहा है कि यह आग एक धमाके से लगी और यह क्लब बिना जरूरी परमिशन के चल रहा था. आग से सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया गया थ. इमरजेंसी सेवाओं के लिए रास्ता भी बुरी तरह से रुका हुआ था. यही वजह है ​कि जब डांस फ्लोर पर आग लगने की घटना हुई तो दुखद घटना में बदल गई.

नॉर्थ गोवा में वीकेंड पार्टी की रात कैसे लगी आग

चश्मदीदों ने बताया कि जब आग लगी तो डांस फ्लोर पर 100 से 150 लोग थे. घबराहट में कई लोग नीचे किचन एरिया में भाग गए, जहां वे स्टाफ मेंबर्स के साथ फंस गए. अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर पीड़ित किचन के कर्मचारी थे. मरने वालों में तीन महिलाएं और कई टूरिस्ट शामिल थे.

बर्च के सिक्योरिटी गार्ड संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि यह हादसा कुछ ही मिनटों में पूरे क्लब को चपेट में लिया. गार्ड के मुताबिक, "यह घटना रात 11 बजे से 12 बजे के बीच हुई. अचानक आग लग गई... मैं गेट पर था... एक डीजे, डांसर यहां आने वाले थे, और यहां बहुत भीड़ होने वाली थी..."

कई लोग किचन में चले गए, जिससे निकलने का कोई रास्ता नहीं था

हैदराबाद की एक टूरिस्ट फातिमा शेख ने बताया कि वीकेंड के लिए नाइटक्लब खचाखच भरा हुआ था?. उन्होंने कहा, "जैसे ही आग की लपटें उठने लगीं, अचानक अफरा-तफरी मच गई... हम क्लब से बाहर भागे तो देखा कि पूरी बिल्डिंग आग की लपटों में घिरी हुई थी." भागने वाले कई लोग किचन में चले गए, उन्हें नहीं पता था कि वह एक बंद रास्ता था. उन्होंने आगे कहा, "वे (टूरिस्ट) दूसरे स्टाफ के साथ वहीं फंस गए... कई लोग क्लब से बाहर निकलने में कामयाब रहे."

अधिकांश मौत दम घुटने से हुई

ताड़ के पत्तों से बने अस्थायी डेकोरेशन की वजह से आग तेजी से फैल गई. फायर टेंडर के लिए रास्ता बहुत मुश्किल था. क्लब अरपोरा बैकवाटर के किनारे है, जहां सिर्फ पतली गलियों से ही पहुंचा जा सकता है. टैंकरों को लगभग 400 मीटर दूर पार्क करना पड़ा, जिससे बचाव कार्य धीमा हो गया. फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि रास्ते की कमी ने "आग पर काबू पाना एक मुश्किल काम बना दिया." ज्यादातर मौतें दम घुटने से हुईं.

डिमोलिशन का नोटिस हुआ था जारी

अरपोरा-नागोवा पंचायत के सरपंच रोशन रेडकर ने कहा कि क्लब सौरभ लूथरा चला रहा था, जो अपने पार्टनर के साथ विवाद में फंसा हुआ था. उन्होंने कहा, "हमने जगह का निरीक्षण किया था और पाया कि उनके पास क्लब बनाने की इजाजत नहीं थी." पहले भी डिमोलिशन का नोटिस जारी किया गया था, लेकिन पंचायत निदेशालय के अधिकारियों ने इस पर रोक लगा दी थी. रेडकर ने आगे कहा, "जो आग की घटना हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण थी... अब हमें और ज्यादा सतर्क रहना होगा."

कैलंगुट के विधायक माइकल लोबो, जो घटनास्थल पर भी पहुंचे थे, ने कहा कि सोमवार से इलाके के सभी नाइटक्लब का फायर सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वैध परमिशन के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे और "जिन क्लबों के पास जरूरी परमिशन नहीं होंगी, उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे."

नपेंगे अफसर और क्लब के संचालक - CM

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, जो घटनास्थल पर गए थे, ने कहा कि क्लब ने आग से सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया था. उन्होंने जांच की घोषणा की और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा, "नाइटक्लब ने आग से सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया था." मैनेजमेंट और जिन अधिकारियों ने इसे चलाने की इजाजत दी थी, उन दोनों को इसके नतीजे भुगतने होंगे.

स्थानीय अधिकारियों ने बाद में पुष्टि की कि क्लब के स्ट्रक्चर के पास कोई वैध परमिशन नहीं थी. आरपोरा के एक पंचायत अधिकारी ने कहा कि उस जगह का निर्माण "बिना परमिशन के किया गया था, जिससे रेगुलेटरी निगरानी पर गंभीर सवाल उठते हैं."

हम खुशकिस्मत थे, कैब ड्राइवर लेट हो गया था

कई विजिटर्स ने बताया कि जब आग लगी तो वे अंदर होने से कितने बाल-बाल बचे. दिल्ली के अवनीश, जिन्होंने रेस्टोरेंट जाने का प्लान बनाया था, ने कहा, "...असल में, हम खुशकिस्मत थे क्योंकि हमारा कैब ड्राइवर लेट हो गया था, नहीं तो हम भी वहीं होते..."

पास के एक रेस्टोरेंट के सिक्योरिटी गार्ड ने उस पल को याद किया जब धमाके से पूरा इलाका हिल गया था: "...हमने एक बड़ा धमाका सुना. बाद में हमें पता चला कि सिलेंडर फटने के बाद आग लगी थी..."

दिल्ली के ही निखनेश ने बताया कि वह ठीक उसी समय पहुंचे जब धुआं उठना शुरू हुआ था. "जैसे ही हम अपने हॉस्टल पहुंचे, हमने धुएं के गुबार उठते देखे... असल में, हम कल रात यहां आकर पार्टी करने का प्लान बना रहे थे... मुझे लगता है कि कल डीजे पार्टी थी, मुझे इसके बारे में ज्यादा नहीं पता."

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